अर्थ जगत

केन्द्र सरकार पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने को तैयार, राज्यों की सहमति से होंगे लागू

 

नई दिल्ली. भारत के पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को कहा कि केंद्र सरकार पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने के लिए तैयार है. हालांकि, उन्होंने कहा कि राज्य इस प्रस्ताव से सहमत नहीं हो सकते हैं, क्योंकि ईंधन और शराब उनके लिए प्रमुख राजस्व के साधन हैं.

मीडियाकर्मियों से हरदीप सिंह पुरी ने कहा, पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने के लिए राज्यों को सहमत होना होगा. अगर राज्य कदम उठाते हैं तो हम तैयार हैं. हम पूरी तरह से तैयार हैं. यह मेरी समझ है. इसे कैसे लागू किया जाए यह दूसरी बात है. यह सवाल वित्त मंत्री से पूछा जाना चाहिए.

साथ ही, उन्होंने कहा कि इसे कैसे लागू किया जाएगा, यह पूरी तरह से एक और मुद्दा है और इसे वित्त मंत्री के सामने रखा जाना चाहिए. हालांकि, जो सबसे बड़ी बात थी, वो यह कि जो पुरी ने संदेह व्यक्त किया कि क्या राज्य पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के तहत लाने के लिए सहमत होंगे?

केंद्र सरकार का प्रयास कीमतें स्थिर रहें

उन्होंने कहा, हमारे पड़ोस में कुछ ऐसे देश हैं जहां ईंधन की कमी है और कीमतें अत्यधिक हैं. लेकिन देश के दूर-दराज इलाकों में भी हमारे पास कमी नहीं है. यह केंद्र और राज्यों के स्तर पर बहुत मजबूत नेविगेशन रहा है. भविष्य में क्या होगा कहना मुश्किल है. मार्च 2020 में कोविड के दौरान एक तेल बैरल की कीमत 19.56 अमेरिकी डॉलर पर आ गई थी जो अब 96 अमेरिकी डॉलर है. मैं काल्पनिक सवालों का जवाब नहीं देता लेकिन केंद्र सरकार का प्रयास होगा कि कीमतें स्थिर रहें.
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