अर्थ जगत

एक साल में क्यों देश छोड़ गए 604 भारतीय? छह वजहें गिनाकर कांग्रेस ने PM मोदी से पूछा सवाल

नई दिल्ली

बड़ी संख्या में भारतीयों के देश छोड़कर विदेश में बसने पर चिंता जताते हुए कांग्रेस ने इसको लेकर पीएम मोदी से सवाल किए है। कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने इसके पीछे छह वजहें गिनाई हैं, साथ ही तंज भी कसा है कि अच्छे दिन तो यहां आने वाले थे, लेकिन लोग देश छोड़कर विदेशों में बस गए। कांग्रेस प्रवक्ता ने अपने इस तर्क के साथ विदेश मंत्रालय का आंकड़ा भी दिया, जिसके मुताबिक करीब 600 लोग भारत छोड़कर विदेश में बस चुके हैं। 2014 की तुलना में साल 2022 में इसमें 1.7 फीसदी का इजाफा हुआ है। तब 354 भारतीय विदेशों में बसे थे, जबकि 2022 में यह संख्या 604 है। गौरव वल्लभ ने कल इंदौर में पीएम मोदी द्वारा प्रवासी भारतीयों को संबोधित करने के बाद यह सवाल उठाया।

बताया इसलिए लोग छोड़ रहे देश
गौरव वल्लभ के मुताबिक विदेश में बसने वाले भारतीयों की नेट वर्थ आठ करोड़ रुपए सालाना से ज्यादा है। उन्होंने लिखा कि यानी पैसा कमाया तो भारत में गया, लेकिन यहां निवेश करने के बजाए लोगों ने विदेश को चुना। गौरव ने तंज कसते हुए लिखा कि संभवत: प्रधानमंत्री इसी को अमृत काल कहते हैं। गौरव वल्लभ ने भारतीयों के विदेश में बसने के पीछे के छह कारणों को भी गिनाया है। उनके मुताबिक सबसे पहली वजह, भारत में कभी न खत्म होने वाली बेरोजगारी है। 2022 के 12 में से 9 महीनों में भारत में बेरोजगारी दर 7 फीसदी के ऊपर थी। वहीं, बाकी के चार महीनों में यह 8 फीसदी के ऊपर तक पहुंची। दिसंबर 2022 के अंत तक कुल बेरोजगारी दर 8.3 फीसदी थी।

जीडीपी ग्रोथ को भी बताया वजह
गौरव वल्लभ के मुताबिक भारतीयों के देश छोड़ने के पीछे की दूसरी वजह, जीडीपी ग्रोथ में लगातार हो रही गिरावट है। 2017 में भारतीय इकॉनमी ग्रोथ की रफ्तार 8.3 फीसदी थी, जबकि कोरोना आने से पहले यह 3.7 फीसदी पर आ गई थी। कोरोना के दौरान यह माइनस 6.7 फीसदी तक चला गया था। वित्तवर्ष 2022 में यह 8.7 फीसदी थी। गौरव वल्लभ ने कहा कि यही वजह है कि लोग देश छोड़कर विदेशों में बस रहे हैं। उन्होंने तीसरी वजह भारत में बढ़ती गरीबी को बताया। गौरव वल्लभ ने बताया कि यूनाइटेड डेवलपमेंट प्रोग्राम और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की स्टडी के मुताबिक भारत में गरीबों की संख्या सबसे ज्यादा है। उन्होंने बताया कि दुनिया के अन्य हिस्सों की तुलना में कोविड के बाद भारत में 79 फीसदी लोग गरीबी रेखा के नीचे चले गए हैं। गौरव वल्लभ ने बताया कि ग्लोबल हंगर इंडेक्स में 121 देशों में भारत 107वें नंबर पर खड़ा है। अगर हम एशिया में अफगानिस्तान को छोड़ दें बाकी अन्य देशों से पीछे हैं।

जेंडर गैप भी है रीजन
अगली वजह के रूप में गौरव वल्लभ ने जेंडर गैप को गिनाया। उन्होंने कहा कि जेंडर गैप के बारे में बात करें तो वर्ल्ड इकॉनमिक फोरम ने ग्लोबल जेंडर गैप इंडेक्स भारत को 146 देशों के बीच 135वें नंबर पर रखा है। वहीं, गौरव वल्लभ ने छठवां और सबसे अहम मुद्दा ग्लोबल प्रेस फ्रीडम इंडेक्स बताया। उन्होंने कहा कि इस इंडेक्स में 180 देशों के बीच भारत 150वें नंबर पर है। गौरव वल्लभ ने कहा कि भारत मीडिया कर्मचारियों के लिए दुनिया में सबसे खतरनाक देश बताया गया है। उन्होंने इसको लेकर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बयान जारी करने को लेकर कहा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को बताना चाहिए कि आखिर 600 से ज्यादा लोगों ने देश क्यों छोड़ा और इसमें 1.7 गुना इजाफा क्यों हो गया?

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