खेल

कभी फटे मोजे की गेंद बनाकर मेंगरी से क्रिकेट खेलते थे एशिया कप में चयनित रीवा के क्रिकेटर कुलदीप

रीवा। रीवा जिले के हरिहरपुर गांव के रहने वाले क्रिकेटर कुलदीप सेन का एशिया कप के लिए टीम इंडिया में चयन हो गया है। बताया जाता है कि रीवा की ही गलियों में वह फटे मोजे की गेंद बनाकर लकड़ी की मोंगरी से क्रिकेट खेलते थे। कुलदीप के पिता सिरमौर चौराहे पर रामपाल सेन सैलून की दुकान चलाते हैं। कुलदीप का एशिया कप में जब से सिलेक्सन हुआ है तब से सैलुन की दुकान में कुछ ज्यादा ही ग्राहक पहुंच रहे हैं। इससे उनके पिता भी काफी खुश हैं। इससे पहले कुलदीप आईपीएल में बेहतरीन प्रदर्शन कर चुके हैं।

बताया जाता है कि एक दिन एपीएसयू पवेलियन के क्रिकेट कोच एरिल एंथोनी की नजर कुलदीप सेन पर पड़ी। उन्होंने कुलदीप को बैटिंग की जगह बॉलर बनाने पर फोकस किया। साथ ही, कुलदीप की गरीबी देखकर कभी पैसे नहीं लिए। देश के लिए खेलने वाले क्रिकेटर ईश्वर पाण्डेय और झारखंड से रणजी खेलने वाले आनंद सिंह का भी सहयोग कुलदीप को मिला। दोनों ने किट दी साथ ही समय-समय पर गाइड करते रहे। नतीजा, कुलदीप का चयन एशिया कप की 18 सदस्यीय टीम में बैकअप खिलाड़ी स्टैंडबाय के रूप में हुआ है।

कुलदीप के तीसरे नंबर के छोटे भाई जगदीप सेन ने बताया कि 2017 में बड़े भाई एक साल के लिए डिप्रेशन में चले गए थे। दावा किया इसके पहले वे जिला, डिवीजन और अंडर 19 खेल चुके थे। उनका अंडर 23 में चयन नहीं हुआ। इसके बाद भाई मानसिक रूप से बीमार हो गए। उनकी हालत देखकर पिता जी डर गए थे। वे दिन में सैलून की दुकान चलाते और रातभर भैया को सुलाते थे, जिससे वह डिप्रेशन से बाहर आएं। कई बार तो रात में सोने के लिए दवा तक लेनी पड़ी थी।

कुलदीप सेन के कोच एरिल एंथोनी ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में बेहतरीन प्रदर्शन की बदौलत एशिया कप में सिलेक्शन हुआ है। कुलदीप ने विजय हरारे ट्रॉफी में 5 वनडे मैचों में 4 विकेट, रणजी ट्रॉफी के 16 मैच में 44 विकेट, टी 20 के 25 मैच में 24 विकेट लेकर सिलेक्टर्स का ध्यान खींचा है। कहा- जनवरी 2022 की शुरुआत में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में कुलदीप ने अच्छा प्रदर्शन किया। उसने 5 मैच में करीब 16 विकेट लिए थे।

यह समाचार पढिए

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Live TV