अन्तर्राष्ट्रीय

भारत देश पर कोरोना का साया,पीएम ने दिये कोरोना की सघन निगरानी के निर्देश

चीन में शवों को जलाने के लिए जगह नहीं, अस्पतालों में लगी भीड़

Delhi.

बीजिंग से 70 किलोमीटर दक्षिण पश्चिम में स्थित चीन के औद्योगिक प्रांत हेबेई के बाझोउ शहर में काउंटी अस्पताल के बाहर एक बुखार क्लिनिक के बाहर याओ रुयान नामक महिला बेचैनी के साथ चहल-कदमी करती दिखी। उनकी सास कोविड-19 से संक्रमित हैं और उन्हें तत्काल इलाज की जरूरत है, लेकिन सभी अस्पताल करीब-करीब भरे हुए हैं।

 

वह अपने फोन पर चीखते हुए कहती हैं, ‘यहां कोई बिस्तर नहीं है।’ इसी तरह चीनी शहर के शवदाह गृहों में भी शवों की भरमार है। इसे देखते हुये भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में कोरोना को लेकर एडवयजरी जारी कर दी है। अंतराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर निगरानी रखने के भी आदेश जारी किये गये हैं।

चीन पहली बार राष्ट्रीय स्तर पर कोविड-19 की लहर से जूझ रहा है और बीजिंग के दक्षिण पश्चिम में स्थित छोटे शहरों और कस्बों में स्थित अस्पतालों के आपात वार्ड जरूरत से ज्यादा भरे हुए हैं। गहन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू) से एंबुलेंस लौट रही हैं, तो मरीजों के बेचैन रिश्तेदार बिस्तरों की तलाश कर रहे हैं।

बिस्तरों की कमी के कारण अस्पताल की बेंच और फर्श पर मरीजों को लिटाना पड़ रहा है। याओ की बुजुर्ग सास एक हफ्ते पहले कोविड-19 से संक्रमित हुई थीं, लेकिन स्थानीय अस्पताल ने कोविड मरीज नहीं लेने की बात कहकर उन्हें पड़ोस की काउंटी में भेज दिया, लेकिन वहां भी उन्हें अस्पताल मरीजों से भरे मिले और उनकी सास को जगह नहीं मिली।

पिछले दो दिनों में एसोसिएटेड प्रेस (एपी) के पत्रकारों ने हुबेई प्रांत के बाओडिंग और लांगफांग स्थित छोटे शहरों और कस्बों के पांच अस्पतालों और दो शवदाह गृहों का दौरा किया। चीन में गत नवंबर-दिसंबर में प्रतिबंधों में ढील देने के बाद कोविड-19 के अधिक प्रसार वाले क्षेत्रों में यह इलाका भी शामिल था।

एक कर्मचारी के अनुसार, झूझोउ शवदाह गृह में शवदाह का काम अधिक समय तक चल रहा है, क्योंकि पिछले सप्ताह मौतों में वृद्धि से निपटने में श्रमिकों को जूझना पड़ रहा है। अंतिम संस्कार के काम में लगे एक कर्मचारी ने अनुमान लगाया कि वह एक दिन में 20-30 शव जला रहा है, जबकि कोविड-19 उपायों में ढील दिए जाने से पहले यह संख्या केवल तीन-चार तक सीमित थी।

एपी के पत्रकारों ने पाया कि वहां तीन एंबुलेंस और दो वैन शवों को उतार रही हैं। अंतिम संस्कार का सामान बेचने वाली एक दुकान के कर्मचारी झाओ योंगशेंग ने कहा, ”यहां बहुत से लोग मर रहे हैं। वे दिन-रात काम कर हैं, लेकिन वे सभी को नहीं जला पा रहे हैं।”

विशेषज्ञों ने अनुमान लगाया है कि अगले साल चीन में 10 से 20 लाख लोगों की मौत होगी। इसके अलावा विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने बीजिंग के गणना करने के तरीके को लेकर आगाह किया है कि इससे मृतकों की असल संख्या कम हो जाएगी।

 

 

 

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