रोजगार

एमपी के शासकीय स्कूलों में रखे जाएगें 2400 अतिथि शिक्षक

एमपी. मध्यप्रदेश में हुए 26 हजार शिक्षकों के मनचाहे स्थानान्तरण से पूरी शिक्षा व्यवस्था ही लडख़ड़ा गई है. हालात ऐसे है कि करीब 2357 स्कूलों में एक भी शिक्षक नहीं है. वहीं 8307 स्कूल एक शिक्षक के भरोसे चल रहे है. जिसके देखते हुए स्कूल शिक्षा विभाग ने अब इन स्कूलों में अतिथि शिक्षकों को पदस्थ करने की मंजूरी दे दी है.

बताया गया है कि आयुक्त लोक शिक्षण ने आज एक आदेश जारी करते हुए कहा कि ट्रांसफर की प्रक्रिया समय पर पूरी कर ली गई. जिसमें 43 हजार 118 शिक्षकों के ऑनलाइन आवेदन प्राप्त हुए. 25 हजार 905 के तबादले किए गए. इन तबादलों के चलते 2357 स्कूल शिक्षक विहीन हो गए व 8307 स्कूल एक शिक्षक के भरोसे चल रहे है. इन हालातों को दृष्टिगत रखते हुए अब स्कूल शिक्षा विभाग अब 2400 अतिथि शिक्षकों की भरती कर रहा है, जिससे शैक्षणिक कार्य प्रभावित न हो सके. आदेश में कहा गया है ऐसे सभी स्कूल जहां हाल ही में स्थानांतरण के माध्यम से पदस्थापना की गई है. उन स्थानों पर यदि पूर्व से अतिथि शिक्षक कार्यरत रहे है तो उन्हें तत्काल कार्यमुक्त किया जाएगा. अधीनस्थ शून्य नामांकन वाली सभी स्कूलों का सेटअप ब्लॉक किया जाए ताकि ऐसी स्कूलों में स्वैच्छिक अथवा प्रशासकीय स्थानांतरण के माध्यम से पदस्थापना न हो सके. शून्य नामांकन वाली शालाओं में पदस्थ शिक्षकों को निकटतम शिक्षक विहीन अथवा एक शिक्षिकीय शालाओं में पदस्थ करने संबंधी कार्रवाई स्थानांतरण नीति के अनुसार की जाए. इस संबंध में आवश्यक प्रस्ताव दिनांक 5 दिसंबर तक संचालनालय के ईमेल आईडी व हस्ताक्षरित हार्डकापी एवं मगबमस ेीममज में भेजें. एक शिक्षकीय अधिक नामांकन वाली प्राथमिक ध् माध्यमिक शालाओं के संबंध में यह परीक्षण किया जाए कि क्या उसी ग्राम ध् बसाहट पर अन्य प्राथमिकध् माध्यमिक शाला संचालित हैघ् यदि ऐसी स्थिति है तो इन स्कूलों को सत्र तक के लिए संयुक्त रूप से संचालित किया जाए.

ऐसा भी होगा-
शिक्षक विहीन, एक शिक्षकीय, अत्यधिक न्यून शिक्षकों वाली स्कूलों में कार्यवाही संभव न हो, ऐसे हालात में उस स्कूल में संकुल अंतर्गत अन्य स्कूलों से जहां पर्याप्त अथवा अधिक संख्या में शिक्षक पदस्थ है कि शैक्षणिक व्यवस्था स्थानांतरण नीति के तहत की जाए. इसी प्रकार एक ही ग्राम में न्यून शिक्षकों वाली माध्यमिक शाला, हाईस्कूल, हायर सेकंडरी शालाएं संचालित है. उक्त शालाओं में शिक्षकों की कमी है तो ऐसी माध्यमिक शालाएं, हाईस्कूल, हायर सेकंडरी स्कूलों को सत्र तक के लिए संयुक्त रूप से संचालित किए जाए. स्थानांतरण नीति के तहत शैक्षणिक व्यवस्था की जाए.
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