वैज्ञानिकों ने ढूंढ निकाली चांद पर इंसानों के लिए रहने लायक जगह

न्यूयार्क. वैज्ञानिकों ने आखिरकार चांद की सतह पर वो जगह ढूंढ निकाली है, जो इंसानों के रहने लायक हो सकती है. हमारी पृथ्वी के उपग्रह चंद्रमा पर वैज्ञानिकों को कुछ ऐसे गड्डे मिले हैं, जहां का तापमान इंसानों के रहने लायक है. बताया जा रहा है कि गड्ढों का टेम्प्रेचर 17 डिग्री सेल्सियस है, जहां इंसान बिना किसी परेशानी के रह सकते हैं. मसलन, भविष्य में ऐसे गड्ढों के अंदर इंसानी आबादी को बसाना आसान हो जाएगा. इन गड्ढों को अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा के लूनर रीकॉन्सेंस ऑर्बिटर की मदद से ढूंढा गया है.जियोफिजिकल रिसर्च लेटर्स जर्नल में इन गड्ढों की खोज की रिसर्च रिपोर्ट विस्तार से प्रकाशित की गई है. इस खबर से जहां वैज्ञानिकों में खुशी की लहर है, तो वे इस बात से भी हैरान हैं कि चंद्रमा की सतह पर मौजूद अन्य इलाकों से इंसानों के रहने लायक ये गड्ढे बिल्कुल अलग हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि चांद पर एक दिन दो हफ्ते जितना होता है. वहीं, यहां का तापमान इतना अधिक हो सकता है कि उतने में पृथ्वी पर पानी उबलने लग जाए. ऐसे में इन गड्ढों की खोज काफी अहम मानी जा रही है.
रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक, ये गड्ढे सी ऑफ ट्रैंक्विलिटी में मिले हैं. ये तकरीबन 328 फीट गहरे हैं. जहां का टेम्प्रेचर चंद्रमा के अन्य इलाकों की तुलना में थोड़ा ही बदलता है. नासा के साइंटिस्ट नोआ पेट्रो का कहना है कि लूनर पिट्स यानी चांद के सतह पर बने ये गड्ढे काफी हैरतअंगेज हैं. उनके मुताबिक, अगर इन गड्ढों का तापमान स्थिर रहता है, तो आने वाले समय में यहां इंसानी आबादी को बसाने के लिए कॉलोनी बनाई जा सकती है.
वैज्ञानिकों के मुताबिक, चांद पर लूनर पिट्स की खोज पहली बार 13 साल पहले यानी 2009 में हुई थी. नोआ पेट्रो ने बताया कि पिट्स और गड्ढे अलग-अलग होते हैं. लूनर पिट्स सीधी गहराई वाले होते हैं, जबकि गड्ढे छिछले हो सकते हैं. नोआ पोट्रो ने कहा, अगर इन गड्ढों में जाने का रास्ता मिल गया तो एस्ट्रोनॉट्स उनमें रहने के लिए अपनी जगह का निर्माण कर सकते हैं. उन्होंने यहा भी बताया है कि इन गड्ढों में सोलर रेडिएशन और छोटे उल्कापिंडों के भी टकराने का डर नहीं है. यूं कह लें कि ये चांद की सतह से ज्यादा सेफ हैं.
Source : palpalindia