ढोल – मंजीरे की धुनों पर बच्चों के कदमों की झूम

वैढ़न,सिंगरौली। दिल्ली पब्लिक स्कूल विंध्यनगर का प्रेक्षागृह उस समय तालियों की गड़गड़ाहट से गूँज उठा जब शनिवार 3 सितंबर को कक्षा 3 से 5 तक के छात्रों ने अपनी लोक नृत्य कला का सुंदरतम नज़ारा पेश करके लोक- संस्कृति को नमन किया । रंग- बिरंगी पारंपरिक वेशभूषा में सजे सभी 6 सदन के 36 बच्चों ने बड़े उत्साह और उमंग से घूमर, भाँगड़ा, लावड़ी, हरियाणवी, करमा, राई डांडिया आदि लोक- नृत्य प्रस्तुत किए। कक्षा -3 से झेलम, चेनाब और यमुना कक्षा -4 से चेनाब, झेलम सतलज तथा कक्षा -5 से यमुना, रावी और यमुना हाउस ने क्रमश: प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त किए।
निर्णायक मंडल में नृत्य विशेषज्ञ श्रीमती विभूति रस्तोगी और शुमोना पाल शामिल रहीं। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य डॉ जनार्दन पांडेय जी ने की। इस अवसर पर अपने आशीर्वचनों में उन्होंने विद्यार्थियों की नृत्य कला की भरपूर तारीफ़ करते हुए लोक- नृत्य का वास्तविक अर्थ समझाया और छात्र – छात्राओं दोनों से नृत्य का अभ्यास करने का आह्वान करते हुए सभी प्रतिभागी छात्रों को प्रमाण- पत्र प्रदान करके उनका उत्साहवर्धन किया।