मध्य प्रदेश

यूरिया सप्लाई में हुई गड़बड़ी पर सीएम ने दिए FIR दर्ज करने के निर्देश

भोपाल. मध्य प्रदेश के जबलपुर में यूरिया सप्लाई में हुई गड़बड़ी पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सख्ती अख्तियार करते हुए शुक्रवार की सुबह जबलपुर कमिश्नर, आईजी, कलेक्टर-एसपी की इमरजेंसी मीटिंग बुलाई और कमिश्नर से बोले कि अब कंपनियों को समझाने से काम नहीं चलेगा. दोषियों पर एफआईआर दर्ज कराएं.

सीएम चौहान ने आईजी-एसपी से पूछा कि कौन-कौन सी धाराएं लगेंगी. मैं चाहता हूं कि सख्त कार्रवाई हो. इस समय किसानों को खाद की जरूरत है. ऐसे में इस तरह से कतई नहीं चलेगा. अब अधिकारी इस मामले में जांच की बात कर रहे हैं. गौरतलब है कि 25 अगस्त को ट्रेन के जरिए करीब 2 हजार 666 मेट्रिक टन यूरिया जबलपुर आया था. नियमों के मुताबिक, इसका 70 फीसदी हिस्सा यानी करीब 1 हजार 852 मेट्रिक टन यूरिया मंडला, डिंडोरी, सिवनी और दमोह भेजा जाना था, लेकिन तय की गई मात्रा के बदले महज 10 से 25 प्रतिशत की यूरिया इस जिलों में पहुंचा. बाकी कहां चला गया, अब तक किसी को जानकारी नही हैं.

बताया जा रहा है कि जो यूरिया गायब है, उसकी अनुमानित कीमत 3 करोड़ रुपए आंकी जा रही है. कृषि विभाग के अधिकारी इस मामले पर जांच की बात कर रहे हैं. उनके अनुार चारों जिलों के लिए अलग-अलग जांच कमेटियां बना दी गई हैं, जिनकी जल्द ही रिपोर्ट सामने आ जाएगी.

वहीं इस मामले आज हुई बैठक में सीएम चौहान ने अधिकारियों से पूरी जानकारी मांगी और कहा कि मुझे बताएं कैसे और कहां गड़बड़ हुई. इस पर जबलपुर कमिश्नर ने मुख्यमंत्री को बताया, यूरिया खाद के आवंटन की जिम्मेदारी कृभको की थी. यह सात कंपनियों में से एक है, जो जबलपुर क्षेत्र में खाद की सप्लाई करती है. इसने एक अन्य कंपनी को परिवहन के लिए नियुक्त किया है.

25 अगस्त को जबलपुर में 2600 मीट्रिक टन के रैक लगे थे. कृभको को बता दिया गया था कि किस जिले को कितना आवंटन जाना है. यह खाद 28 से 31 अगस्त के बीच परिवहन किया गया, लेकिन इन्हें जो स्थान बताए गए थे, उनके स्थान पर यूरिया निजी स्थानों पर सप्लाई कर दिया गया. कृभको में परिवहनकर्ताओं ने निर्धारित जगहों पर कम सप्लाई की और कुछ जगहों पर यूरिया की सप्लाई ही नहीं की.

कमिश्नर से जानकारी लेने के बाद सीएम चौहान ने कहा कि दोषियों के खिलाफ तत्काल एफआईआर दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार करें. मामले में कड़ी कार्रवाई हो. किसानों को खाद से वंचित करने वालों को छोड़ा नहीं जाएगा. जिस समय खाद की आवश्यकता है, उस समय ऐसा होना एक गंभीर अपराध है.

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि पूरे प्रदेश में कहीं भी किसानों को खाद की दिक्कत नहीं होना चाहिए. जबलपुर पुलिस प्रशासन के अधिकारियों को निर्देश दिए कि खाद वितरण में लगी कंपनियों को समझाने से काम नहीं चलेगा. दोषियों के विरुद्ध एक्शन लेकर बताएं. किसान तक खाद की आपूर्ति पर कड़ी नजर रखी जाए. जरूरत के समय किसान को खाद की कमी नहीं होना चाहिए.
Source : palpalindia

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