मध्य प्रदेश

निपुण भारत मिशन का शुरू हुआ प्रशिक्षण

 

काल चिंतन संवाददाता,
बीजपुर(सोनभद्र)। बाल वाटिका से तीन तक के बच्चों को भाषा व गणित में पारंगत करना ही निपुण भारत मिशन का लक्ष्य है। मिशन की सफलता हर शिक्षक का दायित्व होना चाहिए। शिक्षकों की मेहनत का परिणाम न सिर्फ उन्हें उत्साहित करेगा, बल्कि छात्रों की शैक्षिक गुणवत्ता को आगे बढ़ाने का अगला लक्ष्य बेहद आसान हो जाएगा। यह बातें निपुण भारत मिशन के तहत म्योरपुर के देवरी स्थित बीआरसी पर शिक्षकों के चार दिवसीय प्रशिक्षण का शुभारंभ करते हुए बीडीओ नीरज कुमार तिवारी ने बताया कि निर्धारित लक्ष्य को हर हाल में 2025-26 तक पूरा कर लेना है।

जब सभी बच्चे भाषा और गणित में निपुण होंगे तभी हमारा ब्लॉक निपुण ब्लॉक के रूप में स्थापित हो पाएगा। खण्ड शिक्षा अधिकारी विश्वजीत कुमार ने कहा कि इस मिशन के तहत सभी की जिम्मेदारी तय की गई है। यदि निर्धारित समयावधि में लक्ष्य पूरा नहीं किया गया तो ब्लॉक स्तर से लेकर विद्यालय के कर्मचारी व अधिकारी को जवाब देना होगा।खंड शिक्षा अधिकारी ने कहा कि भारत सरकार की ओर से समूचे देश में निपुण भारत मिशन अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान का लक्ष्य समूचे भारत मे वर्ष 2026 -27 तक पूरा किया जाना है। जबकि प्रदेश में वर्ष 2025-26 तक पूरा किया जाना है।

उन्होंने बताया कि कि यह मिशन गत वर्ष 5 जुलाई 2021से शुरू हो चुका है प्रशिक्षु शिक्षक शिक्षिकाओं से इस चार दिवसीय प्रशिक्षण को पूर्ण मनोयोग के साथ गृहण करने का आव्हान भी किया। ए आर पी रजनीश श्रीवास्तव ने निपुण भारत मिशन के उद्देश्य चार दिनों तक चलने वाले प्रशिक्षण की विषयवस्तु को प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि इस प्रशिक्षण को समस्त प्राथमिक विद्यालयों के समस्त शिक्षकों व शिक्षामित्रों को दिया जाएगा। वर्तमान शैक्षिक सत्र में बच्चों में पढ़ने लिखने व संख्या ज्ञान की दक्षता लाने के लिए 22 सप्ताह की विशेष कार्ययोजना बनाई गई है। सभी शिक्षकों को कक्षा एक से तीन तक भाषा व गणित की तीन-तीन शिक्षक संदर्शिंका दी जाएगी। इनमें दी गई विधाओं के अनुसार शिक्षकों को कक्षा शिक्षण करना है। प्रशिक्षक एआरपी अखिलेश देव द्वारा बताया गया कि किसी भी छात्र में यदि भाषा और गणित के बुनियादी कौशल विकसित हो जाएं तो वह जीवन के विभिन्न आयामों और अन्य विषयों को समझने में उसे आसानी होगी।एआरपी राममूर्ति ने सीखने के सिद्धांत पर चर्चा करते हुए कहा कि हम शिक्षकों की यह सोच हो कि सभी बच्चे सीख सकते हैं, तभी हमें अपेक्षित लक्ष्य प्राप्त होगा। एआरपी विनोद कुमार ने साप्ताहिक व दैनिक शिक्षण योजना पर चर्चा की।

प्रशिक्षक आनन्द चौबे निपुण लक्ष्य की चर्चा करते हुए सभी से इसे कंठस्थ करने और प्रत्येक कक्षा में इसे प्रदर्शित करने को कहा। मौके पर अजय गुप्ता, राकेश कुमार सिंह,पवन अग्रहरी,सर्वेश सिंह, अभिमन्यु जायसवाल, आराधना वर्मा,प्रियंका दुबे व अन्य शिक्षक- शिक्षिका उपस्थित रहे।

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