मध्य प्रदेश

98 लाख की लागत से बनी सड़क चन्द महीनों में हो गयी क्षतिग्रस्त

वार्ड क्रमांक 45 के नौगढ़ कृष्णविहार से भकुआर तक बनी सड़क हुयी गड्ढों में तब्दील

वैढ़न,सिंगरौली। राज्य सरकार की मंशा है कि सिंगरौली जिला सिंगापुर बने परन्तु जमीनी स्तर पर विकास कार्यों को गति दे रहे विभागीय अफसर है कि उस पर पलीता लगाने में जुटे हुए हैं। हम बात कर रहे हैं उस सिंगरौली जिले की जिसको सूबे के मुखिया शिवराज सिंह चौहान खुद गोद ले रखें हैं। लेकिन यहां के भ्रष्ट अधिकारियों की उदासीन कार्यप्रणाली रवैये के चलते जिले में हो रहे सम्पूर्ण विकास कार्य भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहे हैं। जिसकी बानगी नगर निगम सिंगरौली के वार्ड क्रमांक 45 में देखने को मिली। बतादे कि पर्यावरण प्रदूषण विभाग के ऑफिस की तरफ जाने वाला लाखों रुपये की लागत से नौगढ़ कृष्णविहार से भकुआर तक बनी सड़क पूरी तरह से छतिग्रस्त हो चुका हैं। बताते है कि उक्त सड़क बनने के चंद दिनों बाद ही टूट गई थी, जिसे कई बार रिपेयर भी किया जा चुका है। जानकारी तो यहाँ तक मिली है कि नगर निगम द्वारा बनाये गए गुणवत्ताविहीन सड़क के बार बार टूटने से ग्रामीणों ने थक हार कर इसकी शिकायत जिला कलेक्टर से की जिनके हस्तक्षेप के बाद हरकत में आया नगर प्रशासन ने सड़क का निरीक्षण करते हुए संविदाकार को पुन: सड़क ठीक करने की नसीहत दी। हैरत की बात तो यह है कि निरीक्षण-परीक्षण की कवायद के बाद भी कुछ नही बदला, आज स्थिति यह है कि यह सड़क बड़े बड़े गड्ढों में तब्दील हो चुकी हैं, चलने लायक नही रहा। लाखों रुपए की लागत से बनाई गई इस सड़क को भ्रष्टाचार का दीमक अंदर ही अंदर खोखला कर रहा है।

निर्माण कार्य को लेकर वार्ड पार्षद ने जताई नाराजगी: नवनिर्वाचित वार्ड पार्षद रामगोपाल पाल ने बताया कि नगर निगम द्वारा लगभग 98 लाख रुपये की लागत से बनाई गई, जिसका कार्य मेमालाल शाह व सत्या इंटरप्राइजेज द्वारा किया गया जो नौगढ़ कृष्णविहार से पर्यावरण ऑफिस और पर्यावरण ऑफिस से कचनी तक यानी 3 किलोमीटर की सड़क के निर्माण में भारी धांधली हुई हैं। सड़क बनने के बात कई बार टूट चुकी हैं इसका हमनें आवाज भी उठाया, लेकिन भाजपा के इस भ्रष्ट तंत्र ने मेरा एक भी नही सुनी। आज स्थिति यह है कि 45 नंबर वार्ड ही नही वल्कि जांच हो तो वार्ड क्रमांक 1 से 45 तक समूचे वार्ड में हाहाकार मचा हुआ है रोड नाली पुलिया का कही पता ही नही। रोड छ: महीने के अंदर ही वगैर वर्षात के उखड़ गई, नाली टूट गई, पुलिया बह गई अधिकारी व ठेकेदार आपस मे मिलकर नगर निगम का करोड़ों रुपये खा गए।

सड़क की हो निष्पक्षता से जाँच: गुणवत्ता पर सवाल खड़ा करते हुये वरिष्ठ समाज सेवी अरुण सिंह ने कहा कि सड़क, नाली,पुलिया निर्माण में गड़बड़ी नगर निगम के लिए कोई नयी बात नहीं हैं। ठेकेदार करोड़ों की लागत से बनने वाली सड़कों में घटिया मेटेरियल का इस्तेमाल करते हैं, नतीजतन निर्माण के कुछ महीनों बाद ही सड़कें क्षतिग्रस्त हो जाती है और यह सब जिम्मेदारों के देखरेख में होता हैं जिसके एवज में ठेकेदार नगर निगम के जिम्मेदारो को एक मोटी रकम अदा करते हैं। हम जिला प्रशासन से मांग करते हैं कि 98 लाख की लागत से बनी नौगढ़ कृष्णविहार कालोनी से पर्यावरण ऑफिस तक की सड़क का निष्पक्षता से जाँच कराये एवं दोषी के ऊपर कार्यवाही करते हुये उसी पैसे में मजबूती के साथ पुन: सड़क निर्माण का कार्य कराया जाय।

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