रामचरितमानस पाठ व भंडारे के साथ संपन्न हुआ नवरात्रि उत्सव
शिवाजी काम्पलेक्स में 1995 से हर वर्ष आयोजित होता है नवरात्रि उत्सव

वैढ़न,सिंगरौली। शिवाजी कांप्लेक्स में 1995 से अनवरत हर वर्ष आयोजित होने वाली नवरात्रि उत्सव व दुर्गा पूजा शुक्रवार 7 अक्टूबर को रामचरितमानस के अखंड पाठ की पूर्णाहुति और वृहद भंडारे के साथ संपन्न हो गई। नवजीवन रहवासी कल्याण समिति के अंतर्गत आने वाली शिवाजी कांप्लेक्स दुर्गा पूजा समिति में संरक्षक आर एस बघेल का बतौर मुखिया क्रियान्वयन और अनुशासन में पूरा सहयोग रहता है। वहीं पूजा समिति का नेतृत्व समीर सिंह करते हैं। पूजा की तैयारी के लिए 15 दिन पहले से समिति के सदस्य वेद प्रकाश देवलिया ,डीके गोयल, राजेश गुप्ता, मनु रस्तोगी, मुन्ना रस्तोगी,विनय राय, एके सिंह और आरबी सिंह एमआइजी कॉलोनी और शिवाजी कांप्लेक्स के हर घर और दुकान में जाकर लोगों से मिलते हैं उन्हें आमंत्रित कर उनसे सहयोग प्राप्त करते हैं ।
समिति में जहां सबसे आगे और बड़ा सहयोग हमेशा आर एस बघेल का रहता है, वहीं वीरेंद्र पाठक, आनंद अग्रवाल, आर के सिंह ,नंदू अग्रवाल, आनंद अग्रवाल, समीर सिंह ,सत्यनारायण बंसल, अजय अग्रवाल, ओम प्रकाश बंसल, सौरभ अग्रवाल ,रंजन वर्मा, चंद्र प्रकाश अग्रवाल, शाहनवाज, रामरतन अग्रवाल आदि का भी बड़ा सहयोग रहता है ।कार्यक्रम में पूजा के लिए पुरोहितों और झांकी वालों की टीम हमेशा बंगाल से आती है। अष्टमी को हलवा का भोग, नवमी को खिचड़ी का भोग,संधि पूजा और भंडारा इस कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण हैं। हर वर्ष दशहरे के दिन मूर्ति विसर्जन के पश्चात अगले दिन रामचरित मानस का अखंड पाठ और फिर उसके अगले दिन वृहद भंडारे का आयोजन किया जाता है ।जहां 4 से 5 हजार श्रद्धालु प्रसाद ग्रहण करते हैं। खिचड़ी भोग हमेशा अकेले अनुराग कुमार की ओर से किया जाता है जिसमें बड़ी लागत होती है। वहीं भंडारे में भी बड़ी लागत का हिस्सा जो कि राशन और सब्जी के रूप में होता है हमेशा बृजेश पांडे अरविंद दिवाकर और सुरेंद्र प्रसाद उठाते हैं ।
नवजीवन रहवासी कल्याण समिति के सचिव एसडी गर्ग ने बताया कि हर वर्ष आयोजित होने वाले इस आयोजन में जहां श्रद्धा और भक्ति का एक अमिट नजारा होता है । वहीं हर बार पर्यावरण का विशेष ख्याल भी रखा जाता है। पंडाल में पॉलिथीन और प्लास्टिक डिस्पोजेबल का इस्तेमाल बिल्कुल भी बंद रहता है।उसकी जगह पारंपरिक पत्तों से बने दोने-पत्तल का इस्तेमाल किया जाता है ।साथ ही कागज के गिलासों का इस्तेमाल किया जाता है। शिवाजी कांप्लेक्स का आयोजन सामाजिक समरसता सद्भाव समभाव का नजीर है जहां हर बार पूरा आयोजन शांतिमय तरीके से खुशी-खुशी संपन्न होता है।