
काल चिंतन कार्यालय
वैढ़न,सिंगरौली। बच्चों को पोषण आहार देने के नाम पर चल रही महिला एवं बाल विकास योजना के तहत जिले में बच्चों का भोजन कागजों पर पक रहा है। ’दस्तखत कर दो मैडम, नहीं तो बिल नहीं बनेगाÓ यह जुमला मुहेर गांव की आंगनवाड़ी के आंगनवड़ी केन्द्रों में आज सुनने को मिला।
मुहेर पोखरा टोला आंगनवाड़ी, तालाब रोड आंगनवाड़ी, आंगनवाड़ी केन्द्र अरझा गेरूआ, आंगनवाड़ी केन्द्र निगाही टोला, आंगनवाड़ी केन्द्र निगाही गांव-हरिजन बस्ती, आंगनवाड़ी केन्द्र आदिवासी बस्ती मुहेर में सोमवार के दिन बच्चों का भोजन नहीं पहुंचा। यही स्थिति गत शनिवार को भी थी।
काल चिन्तन की टीम को मौके पर जाकर पता चला कि मुहेर गांव के किसी भी आंगनवाड़ी केन्द्र में बच्चों का भोजन, बच्चों का भोजन नहीं पहुंचाया जाता। मुहेर पोखरा टोला में लगभग सत्तर बच्चे दर्ज हैं। इनके नाम पर बिल तो बनता है लेकिन खाना पहुंचाने की हिमाकत मनोकामना समूह नहीं करता बल्कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता से कहा जाता है कि मैडम दस्तखत कर दीजिए बिल बनाना है, बिल पेश करना है। मुहेर गांव के कई आंगनवाड़ी केन्द्रों में ताला लटका रहा। पता चला कि वे खुलते ही नहीं हैं। जहां आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ड्यूटी देती भी हैं वहंा खाना नहीं पहुंचता। सैकड़ो बच्चों के नाम पर भोजन का बिल बनाने वाली मनोकामना समूह को प्रशासन तथा विभाग का कोई भय नहीं है। बताया जाता है कि महिला एवं बाल विकास विभाग के जिम्मेदार अधिकारी उनको फर्जी बिल बनाकर बच्चों के हक का सरकारी धन डकारने का अभयदान दे चुके हैं।