मध्य प्रदेश

अदाणी फाउंडेशन द्वारा पोषण माह का आयोजन, कुपोषण दूर करने पर जोर

 

काल चिंतन कार्यालय
वैढ़न,सिंगरौली।  सरई तहसील अन्तर्गत विभिन्न गांवों में गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं, छ: साल से कम उम्र के बच्चों और किशोरियों में पोषण के प्रति जागरूकता लाने के उद्देश्य से अदाणी फाउंडेशन द्वारा 1 से 21 नवम्बर 2022 के बीच पोषण माह का आयोजन किया गया। इस दौरान अदाणी फाउंडेशन द्वारा स्ट्राटाटेक मिनेरल रिसोर्सेस प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से तीन जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया जिसमें कुल 54 लाभार्थियों ने हिस्सा लिया। फाटपानी, धिरौली और भाटी टोला स्थित आंगवाड़ी और लघु आंगनवाड़ी केंद्रों में आयोजित शिविर के दौरान कई तरह की गतिविधियों के द्वारा समुदाय में बच्चों, गर्भवती महिला, धात्री महिला और कुपोषित बच्चों को अच्छे पोषण एवं स्वास्थ्य को लेकर जागरूक किया गया।

ग्राम फाटपानी स्थित आंगनवाड़ी केंद्र में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती संगीता कुशवाहा, श्रीमती अंगारमती पनिका और श्रीमती श्यामा साकेत ने जहां 14 लाभार्थियों को अच्छे स्वास्थ्य और आर्थिक विकास के लिए पोषण के महत्व के बारे में बताया वहीं ग्राम धिरौली स्थित आंगवाड़ी केंद्र में आंगवाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती रामललिता तिवारी और श्रीमती ननकीबाई सिंह ने 12 लाभार्थियों को पोषण अभियान के महत्व के बारे में जानकारी दी। ग्राम धिरौली के भाटी टोला स्थित आंगनवाड़ी केंद्र में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती सुशीला कुशवाहा, श्रीमती लीलावती सिंह और श्रीमती फूलमती ने 28 लाभार्थियों को बताया कि किस तरह समुदाय आधारित गतिविधियों के द्वारा माताओं एवं बच्चों के कुपोषण में कमी लाया जा सकता है। इस तरह के गतिविधियों के द्वारा छह वर्ष से कम उम्र के बच्चों में उचित शारीरिक विकास में गड़बड़ी एवं जन्म के समय कम वज़न के आंकड़े और एनीमिया (खून की कमी) प्रतिशत कम किया जा सकता है।

इस तरह के जागरूकता शिविर का उद्देश्य सीमित संसाधन में घरेलू स्तर पर सालों भर ताजी सब्जियों के उत्पादन को बढ़ावा देना, पोषण सम्बन्धी आवश्यकताओं को पूरा करना और बाजार से सब्जियों की खरीद पर होने वाले खर्च को कम करना है। प्रशिक्षण के दौरान यह भी बताया गया कि कैसे जैविक खेती अपनाकर और जीवाणु खाद का उपयोग पोषण वाटिका में करके पौष्टिक सब्जियां उगाया जा सकता है। जागरूकता शिविर में यह भरोसा दिलाया गया कि आर्थिक रूप से कमजोर होने और सीमित संसाधन होने के बावजूद भी सभी लोग कुपोषण से प्रभावशाली तरीके से लड़ सकते हैं और यह पोषण वाटिका का निर्माण और मौसमी सब्जियों के पौधों को लगा कर किया जा सकता है। खास बात यह है कि पोषण वाटिका के लिए जमीन के किसी बड़े हिस्से की जरूरत नहीं है और इसका निर्माण अपने घरों के आगे या पीछे के छोटे से हिस्से में भी किया जा सकता है। बागवानी के लिए वाटिका लगाने और सब्जी उगाने जैसे ट्रेनिंग का स्थानीय लोगों ने स्वागत किया है और उनका भी मानना है कि इस तरह से उगाई जाने वाली सब्जियां पूरी तरह से जैविक और स्वास्थ्यवर्धक होंगी जो उन्हें कई रोगों से निजात दिलायेंगी। स्थानीय ग्रामीणों ने अदाणी फाउंडेशन द्वारा आयोजित ऐसे कार्क्रमों में आगे भी सहयोग देने की बात कही।

 

 

अदाणी फाउंडेशन के बारे में:

1996 में स्थापित, अदाणी फाउंडेशन वर्तमान में 18 राज्यों में सक्रिय है, जिसमें देश भर के 2250 गाँव और कस्बे शामिल हैं। फाउंडेशन के पास प्रोफेशनल लोगों की टीम है, जो नवाचार, जन भागीदारी और सहयोग की भावना के साथ काम करती है। वार्षिक रूप से 3.2 मिलियन से अधिक लोगों के जीवन को प्रभावित करते हुए अदाणी फाउंडेशन चार प्रमुख क्षेत्रों- शिक्षा, सामुदायिक स्वास्थ्य, सतत आजीविका विकास और बुनियादी ढा़ंचे के विकास, पर ध्यान केंद्रित करने के साथ सामाजिक पूंजी बनाने की दिशा में काम करता है। अदाणी फाउंडेशन ग्रामीण और शहरी समुदायों के समावेशी विकास और टिकाऊ प्रगति के लिए कार्य करता है, और इस तरह, राष्ट्र-निर्माण में अपना योगदान देता है।

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