नगर निगम की निष्कृयता: मरे सैकड़ो मवेशी ?

काल चिंतन कार्यालय
वैढ़न,सिंगरौली। नगर निगम क्षेत्र में आवरा पशुओं की समस्या एक लम्बे समय की भयंकर समस्या है। आये दिन दुर्घटना, प्रदूषण को लेकर यहां के रहवासी परेशान रहते हैं। बताते हैं कि पिछले दिनों नगर निगम प्रशासन की तरफ से उर्ती गांव में गौशाला का निर्माण किया गया था जहां शहर के आवारा पशुओं को पकड़कर जमा करना था। यह भी बताते हंै कि उर्ती स्थित गौशाला में पशुओं को जमा करने के बाद खाने पीने की भी व्यवस्था की जिम्मेदारी नगर निगम ने ली थी। ताजा स्थिति यह बताती है कि उर्ती गांव में भेजे पशु मौत के घाट उतर रहे हैं। बिना चारा, बिना पानी उन पशुओं को मौत आहरण कर रही है।
मिली जानकारी के अनुसार एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें यह बताया गया है कि उर्ती गांव में नगर निगम प्रशासन द्वारा भेजे गये पशुओं में से सौ पशुओं की मौत हो गयी। ये मौतें पानी और चारा के आभाव में हुयी हैं। वायरल वीडियो को सत्य माना जाये तो यह पशुधन की जघन्य हत्या है। इसपर नगर प्रशासन पर हत्या का मुकदमा चलाया जाना चाहिए। पता यहां तक चला है कि उर्ती गांव के अलावा बलियरी में भी पशुओं को छोड़ दिया जा रहा है। एक जगह के आवारा पशुओं को दूसरे जगह छोड़कर फिर आवारा कर दिया जा रहा है जहां उनकी धड़ल्ले से मौत हो रही है। आजकल ठण्ड है। गौमाता के बच्चे मौत के घाट उतर रहे हंै।
भारतीय जनता पार्टी की सरकार है जिसका अभियान है कि गोधन को बचाया जाये। यहां गोधन की हालत बहुत गंभीर है। आपको बताते चलें कि शहर के आवारा पशुओं को सैकड़ो की संख्या में ग्रामीण अंचलों में भेजा गया है। पशुओं को ग्रामीण अंचलों में अमलोरी क्षेत्र के भकुआर सहित दर्जनों गांवों में भेज दिया गया है जो फसलों को रातभर में चट कर जा रहे हैं और ग्रामीण फसलों को बचा न पाने की स्थिति में फसलों की बुआई बंद कर दिये हैं। इसी तरह गनियारी, बलियरी, साशन, तियरा, सिंगरौलिया, सिद्धि कला, सिद्धि खूर्द यहां तक की सरई क्षेत्र में लोहरा गांव, बरका आदि क्षेत्रों में आवारा पशुओं की बहुत बड़ी संख्या पहुंच गयी है जो रातो रात फसलों को चट कर जा रही है। जबकि नगर निगम में लाखों का टेंडर इस बात को लेकर हुआ था कि आवारा पशुओं को नियत स्थान पर पहुंचाकर फसलों को नुकसान से बचाया जाये एवं शहर की सुरक्षा व्यवस्था एवं दुर्घटनाओं को रोक जा सके तथा पशुधन को भी जीवित रखा जा सके।
नगर निगम प्रशासन की नयी व्यवस्था के तहत तैनात महापौर कुछ भी नहीं कर पा रही हैं। भारतीय जनता पार्टी के पार्षद भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं। छोटी संसद में इस तरह का असमाजस्य है कि विकास के कोई कार्य संपादित नहीं हो पा रहे हैं।
जेल में कैदी भेजे जाते है जिम्मेदारी जेलर की होती है
सिंगरौली। शहर के आवारा पशुओं को उर्ती गांव भेजने के बाद नगर निगम अपनी जिम्मेदारी से हाथ धोता नजर आ रहा है। नगर निगम के अधिकारी श्री व्ही.पी.उपाध्याय ने फोन पर वार्ता के दौरान बताया कि आवारा पशुओं को उर्ती गांव में भेजा गया था। जहां पर उर्ती गांव के सरपंच को यह जिम्मेदारी दी गयी थी कि वे चारा पानी की व्यवस्था करें। यदि भेजे गये आवारा पशुओं की मौत होती है तो इसकी जिम्मेदारी उर्ती गांव के सरपंच की होगी। इस संबध में कमिश्नर नगर निगम व महापौर नगर निगम से फोन पर संपर्क साधा गया परन्तु फोन रिसीव नहीं किया गया जिससे उनसे बात नहीं हो सकी।