कथित रिश्वतखोरी का मामला गरमाया
शिकायतकर्तियों ने संयुक्त संचालक के सामने दर्ज करवाया बयान

काल चिंतन कार्यालय
वैढ़न,सिंगरौली। महिला बाल विकास विभाग में कार्यक्रम अधिकारी पद पर कार्यरत श्री राजेश राय गुप्ता पर तीन लाख रिश्वत लेने का मामला जांच के दायरे में आ गया है। गत दिवस संयुक्त संचालक महिला बाल विकास रीवा श्रीमती ऊषा सिंह सोलंकी सिंगरौली पधारीं और उन्होने समूहों की संचालिकाओं से कलमबंद बयान लिया।
जिले के महिला एवं बाल विकास विभाग के कार्यालय में जांच शुरू हुयी है। जांच के दौरान कमला स्व-सहायता समूह सिंगरौलिया की अध्यक्ष श्रीमती चंदा शुक्ला ने बयान दर्ज करवाते हुये कहा कि समूह को एकीकृत महिला बाल विकास योजना के तहत संचालित सांझा चूल्हा कार्यक्रम अधिकारी श्री राजेश राय गुप्ता ने उनके समूह को काम देने की एवज में रिश्वत लिया। उन्होने बताया कि पद्मा महिला स्व-सहायता समूह नवानगर, मोनिका महिला स्व-सहायता समूह नवजीवन बिहार से कुल मिलाकर काम देने की एवज में तीन लाख रूपये बतौर सुविधा शुल्क लिये। प्रकरण के संबंध में अपने बयान में उन्होने कहा कि वे २०१३ से समूह चलाती हैं। २०२१ में उन्हें सेवा से मुक्त कर दिया गया। इसके बाद गुप्ता जी के कहने पर वे लोग हाईकोर्ट में जाकर स्टे आर्डर लगाया। वहां से आने के बाद गुप्ता जी ने कहा कि यदि वे लोग जोड़कर तीन लाख रूपये दे दे तों तीनों को काम दे दिया जायेगा। यह बात अगस्त २०२२ की बतायी जा रही है। समूहों की संचालिकाओं ने कर्ज लेकर कुल तीन लाख रूपये डीपीओ श्री राजेश राय गुप्ता को उनके कार्यालय में दिया। जिसके बाद गुप्ता जी तीनों को बार-बार बुलाते और टहलाते रहे। सितम्बर में भी जब काम नहीं मिला तब महिलाएं अक्टूबर में डीपीओ से मिलने गयीं।
उन्होने कहा कि कलेक्टर मीणा साहब का ट्रांसफर हो गया है अब काम नहीं मिलेगा। उन्होने नियमितिकरण कर दिया है। बयान के दौरान शिकायतकर्तियों ने कहा कि जब उन्होने श्री गुप्ता से अपना पैसा मांगा तो उन्होंने उन्हें उठवा लेेने की धमकी दी। उन्होने कहा कि वे सिंगरौली में रिश्तेदारी निभाने नहीं आये हंै, पैसा कमाने आये हैं। इसी प्रकार पद्मा स्व-सहायता समूह की अध्यक्षा गुड्डी जैन एवं मोनिका महिला स्व-सहायता समूह की अध्यक्ष श्रीमती मुन्नी देवी ने भी शिवबली, चन्द्रा शुक्ला से मिलता जुलता बयान संयुक्त संचालक महिला एवं बाल विकास के समक्ष दिया।