रेड क्रॉस सोसाइटी द्वारा संचालित जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र सिंगरौली में आये एक दिव्यांग महिला की कहानी

सिंगरौली । जिला मुख्यालय वैढ़न से लगभग 10 किलोमीटर दूर स्थित नंदगांव मे दिव्यांग महिला राममती देवी रहती है, उनकी उम्र 53 साल है, इनके पति रामलल्लू शाह मजदूरी करके अपने परिवार का जीवन व्यापन करते ह,ै राममती देवी के 3 बच्चे है अपने परिवार को आर्थिक रूप से सहयोग करने एंव अतिरिकत आय हेतु राममती देवी कोयला चुनने का कार्य करती थी, दो वर्ष पूर्व एक दुखद घटना मे कोयला उठाते समय ट्रेन के नीचे आ जाने से राममती देवी का दायां पैर घुटन केे नीचे कट गया. काफी इलाज के पश्चात जान तो बच गई लेकिन पैर नही बचाया जा सका। राममती देवी जन्म से मुख बधिर भी है, राममती जी को पहला पैर एन.सी.एल. मे लगे शिविर द्वारा दिया गया था । जिस पैर से राममती जी संतुष्ट व बेहतर महसूस नही करती थी, फिर भी अपना कार्य करने के लिए उस पैर को पहनती थी, जब नंदगांव मे भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी द्वारा संचालित डी.डी.आर.सी की टीम सर्वे करने गई थी तो वहां पर राममती देवी मिली, और डी.डी.आर.सी की टीम के द्वारा उनको बताया गया, की सिंगरौली जिले मे कार्यरत संस्था डी.डी.आर.सी मे कृत्तिम अंग बनता है, और उनका भी कृत्तिम अंग नि:शुल्क बनाया जायेगा, फिर डी.डी.आर.सी मे राममती जी को बुलाया गया। डी.डी.आर.सी. मे आने के पश्चात उनका मुल्यांकन किया गया और कृत्रिम पैर का नाप राधा देवी के द्वारा लिया गया, नाप के पश्चात रेड क्रॉस सोसाइटी के चेयरमैन को किट की अनुपलब्धता के बारे मे बताया गया।
रेड क्रॉस सोसाइटी प्रबंधन द्वारा इस कार्य हेतु किट खरीदने का तत्काल निर्देश दिया गया। हमारे चेयरमैन सर एस.डी.सिंह, व सचिव सर डॉ.डी.के.मिश्रा, के कुशल मार्गदर्शन मे राममती को कुछ दिन पश्चात कृत्रिम पैर दिया गया, राममती देवी भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी सहायता प्राप्त प्रदान किये गये पैर से वह बहुत ही खुश थी. वर्तमान मे राममती देवी इस पैर से घर के दैनिक जीवन यापन का पुरा कार्य करती है. अपने घर से 100 मीटर की दूरी से प्रतिदिन पानी लेकर आती है, राममती देवी 15 से 20 दिन के अन्तराल मे डी.डी.आर.सी. मे फॉलोअप के लिए आती रहती है।