हिंडालको महान के मच्छरदानी अभियान से सात वर्षो में 25000 लोगो को मलेरिया व डेंगू से बचाया

singrauli
मलेरिया प्रतिवर्ष 40 से 90 करोड़ बुखार के मामलो का कारण बनता है, वहीं इससे 10 से 30 लाख मौतें हर साल होती हैं, जिसका अर्थ है प्रति 30 सैकेण्ड में एक मौत। इनमें से ज्यादातर पाँच वर्ष से कम आयु वाले बच्चें होते हैं, वहीं गर्भवती महिलाएँ भी इस रोग से ग्रसित होने में पीछे नही हैं। मलेरिया का प्रकोप फैलाने वाला एनोफेलीज मच्छर रात में सक्रिय होता है, इसलिए मच्छरदानी लगाकर सोने की सलाह दी जाती है.
मलेरिया का प्रकोप फैलाने वाला एनोफेलीज मच्छर रात में सक्रिय होता है, इसलिए मच्छरदानी लगाकर सोने की सलाह दी जाती है.
मच्छर से बचने के लिए मच्छरदानी सबसे अच्छा उपाय है। इससे किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं होता और नींद भी अच्छी आती है। सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग जरूर करें। मच्छरदानी के प्रयोग से मच्छरों से छुटकारा मिल सकता है। बशर्ते इस बात का ध्यान रहें कि मच्छरदानी अच्छी क्वालिटी का हो जिसमें मच्छर न घूस पाए। और सोते समय बिस्तर के चारों तरफ से मच्छरदानी को दबा दें। साथ ही इस बात का ध्यान रखें की मच्छरदानी में एक भी मच्छर पहले से छुपे न हो।हिंडालको महान द्वारा निगमित सामाजिक दायित्व के तहत स्वास्थ्य के क्षेत्र में लगातार मेडिकल कैम्प के संचालन कर प्राथमिक स्तर पर लोगो को रोगों से बचाने में सफल हुआ है,सिंगरौली क्षेत्र उच्च मलेरिया प्रभावी क्षेत्र के रूप में माना जाता है ,यहां पर मच्छरों के अनुकूल आदर्श मौसम है,जिससे जिले में मलेरिया रोग से ग्रस्त लोगों की संख्या में लगातार वृद्धि भी देखी गयी है। मलेरिया की रोकथाम के लिये जिले स्तर पर जिले का स्वास्थ्य विभाग का मलेरिया विभाग के साथ साथ अन्य सामाजिक संस्थाओं के अलावा कई कार्पोरेट संस्थान भी लगातार निगमित सामाजिक दायित्व के तहत कार्य कर रहे हैं,हिंडालको महान द्वारा वर्ष 2016 से लगातार हर वर्ष 3000 से ज्यादा मच्छरदानी का वितरण करता आया है, जिसके अच्छे परिणाम भी दिखाई दे रहे हैं वर्ष 2016 से अब तक 25000 से ज्यादा मच्छरदानी का वितरण किया जा चुका है । जिससे 25000 लोगो ने मलेरिया से अपने को बचाने में सफल रहे।
कोरोनकाल में भी मच्छरदानी का वितरण नही रोका गया था,वहीं कोरोनकाल मे टीका लगवाओ और मच्छरदानी पाओ अभियान से टीकाकरण अभियान को बल मिला और कोरोना पीड़ितों की दर में कमी भी आई थी।
हिंडालको महान ने मच्छरदानी का निर्माण स्थानिय स्व सहायता समूह के मदद से तैयार करवाई
सी.एस.आर.विभाग द्वारा हर वर्ष 4000 मच्छर दानी का वितरण किया जाता है,जिसके लिये स्थानीय दिब्या महिला स्व सहायता समूह के माध्यम से मच्छरदानी का निर्माण कराया जिससे स्थानीय महिलाओं को रोजगार भी मिला।
मच्छरदानी के प्रयोग से मलेरिया से मृत्यु दर में कमी भी आई,जिसके परिणाम स्वरुप लोगो ने बीमारी में खर्च होने वाली धनराशि का उपयोग अपने दैनिक जीवन में अन्य कार्यो में किया ।
मच्छरदानी वितरण में हिंडालको महान के कई विभाग प्रमुखों ने आगे आकर वितरण किया ,हिंडालको महान के परियोजना प्रमुख सेन्थिलनाथ व मानव संसाधन प्रमुख का मानना है कि मलेरिया भी राष्ट्र के विकास में एक रोड़ा की तरह है जिसमे देश के कई लोगो की जान इन मच्छरों के वजह से चली जाती है,जिसमे मच्छरदानी एक मलेरिया रोकने का एक हथियार के रूप में है ,इसका प्रचार प्रसार की जरूरत है ,इसके अपने संस्थान के कई विभाग प्रमुखों को आगे लाकर उनके माध्यम से लोगो को जागरूक करने का काम किया गया,हिंडालको महान द्वारा विश्व मच्छर दिवस के अलावा अन्य मौकों पर सज़हर, झुरही, बाघडीह, खेखडा, ओड़गड़ी, भलुगढ़, बड़ोखर, धरसड़ा, गिधेर, मझिगँवा, घिन्हा गांव, पोखरा में मच्छरदानी का वितरण किया गया जिसमें हिंडालको महान के सी.एस. आर.विभाग से विभाग प्रमुख संजय सिंह,विजय वैश्य, धीरेंद्र तिवारी, शीतल श्रीवास्तव ,बीरेंद्र पाण्डेय के साथ साथ,अंजेश कुमार,मधुरेन्द्र राय, रमेश मोबालिया, मेजर पवलजीत,मेजर देवेंद्र ओमकार,उत्पल सरकार, मोहित मंगतानी,सरोज पाणिग्रही सहित कई अन्य विभाग प्रमुखो ने मच्छरदानी का वितरण किया।