राजनैतिक द्वेष छोड़कर सिंगरौली के विकास में सभी एकजुट होकर करें प्रयास: महापौर

कहा-राजनैतिक हस्तक्षेप के चलते ननि आयुक्त ने बाजार बैठकी वसूली समाप्त करने के मुद्दे को एजेंडे में नहीं किया शामिल, बिना एजेंडे के ही परिषद बैठक की डेट हो गयी निर्धारित
सिंगरौली। नगर निगम सिंगरौली में आम आदमी पार्टी की महापौर बनने के साथ ही खींचतान शुरू हो गयी है। प्रदेश में भाजपा सरकार तथा परिषद में आम आदमी पार्टी के कम पार्षदो की संख्या की वजह से बड़े निर्णय लेने में आपसी खींचतान जारी है। नगर निगम सिंगरौली की महापौर श्रीमती रानी अग्रवाल ने पिछले दिनों एमआईसी की बैठक में एक बड़ा निर्णय लेते हुये बाजार बैठकी वसूली समाप्त करने की बात कही थी जिसमें परिषद में चर्चा होना अभी बांकी है। महापौर श्रीमती अग्रवाल ने इसे परिषद की बैठक के एजेंडे में शामिल करने का निर्देश भी जारी किया गया था परन्तु ननि आयुक्त ने इसे एजेंडे में शामिल हीं नहीं किया। जिसे लेकर महापौर तथा ननि कमिश्रर आमने-सामने आ गये हैं।
नगर निगम सिंगरौली की महापौर श्रीमती रानी अग्रवाल ने कहा कि हमने जनता से वादा किया था तमाम प्रकार के टैक्सों में जनहित में रियायत दी जाएगी। उसी क्रम में बाजार बैठकी वसूली समाप्त करने की भी बात कही थी। मुझे महापौर पद पर बैठकर काम करने का अवसर प्राप्त हुआ हमने अपने एमआईसी की बैठक में एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए बाजार वसूली पर रोक लगाए जाने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास किया है। उक्त प्रस्ताव पर परिषद में चर्चा होना शेष है। उन्होने कहा कि मेरे द्वारा बाजार बैठकी वसूली समाप्त करने के संदर्भ में परिषद की बैठक के एजेंडा में शामिल करने का निर्देश जारी किया गया है। किंतु राजनैतिक हस्ताक्षेप होने के कारण आयुक्त ने उक्त प्रकरण को एजेंडा में शामिल करने का कोई प्रस्ताव मेरे समक्ष नहीं रखा। जो एजेंडा पेश किया गया उसमें उक्त प्रकरण शामिल नहीं था।
महापौर श्रीमती अग्रवाल ने कहा कि मेरे द्वारा आयुक्त को निर्देशित किया गया है कि एजेंडा में बाजार बैठकी वसूली के संदर्भ में प्रस्ताव शामिल किया जाए जिससे सभी पार्षद खुलकर के अपने-अपने पक्ष उस प्रकरण में रख सके और उसे माँफ़ कराया जा सके। जब एजेंडा ही नहीं बना तो परिषद की बैठक की डेट कहां से निर्धारित हो गई। महापौर ने कहा कि पहले एजेंडा तैयार होता है फिर परिषद की तिथि घोषित होती है। परिषद की बैठक की तिथि आगे बढ़ाने की कोई बात ही नहीं है। उन्होने कहा मैं चाहती हूं राजनीतिक हथकंडे को छोड़ कर के शहर के विकास और सिंगरौली की जनता को जो अधिक से अधिक सुविधा मिल सके उसमें हम सब मिलकर के बैठकर के स्वस्थ मानसिकता से निर्णय लें और अपने शहर को आगे बढ़ाएं। महापौर श्रीमती रानी अग्रवाल ने कहा कि नगर पालिक निगम सिंगरौली स्व-वित्तीय संस्थान है। हमें अपना निर्णय लेने का पूरा अधिकार है इसलिए मैं अपने सभी पार्षदों से अपील करती हूं कि इस मुद्दे पर आप सबका साथ हमें चाहिए। आप सब अपना सहयोग हमें प्रदान करें।