दुर्घटना में 11 वर्षीय प्रिंस ने गंवाया पैर, डीडीआरसी द्वारा प्रदान किया कृत्तिम अंग, पढ़ें प्रिस के संघर्ष की कहानी

सिंगरौली। सिंगरौली जिले के विंध्यनगर नवजिवन विहार सेक्टर 2 मे प्रिंस कुमार वैश्य रहते है, प्रिंस के पिता रमेश वैश्य मजदूरी करते है. प्रिंस का उम्र 11 वर्ष है और वो नवजीवन पब्लिक स्कूल के 7वी कक्षा में पढता है . हमेशा खुशमिजाज रहने वाला प्रिंस के साथ एक दुर्घटना घट गई, बरसात के मौसम मे एक दिन प्रिंस छत पर कुछ कार्य वश गया था , इसी दौरान प्रिंस के ऊपर 11000 वोल्ट बिजली का तार गिर गया 7 उस बिजली की तार जलने से बांया हाथ और दांया पैर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया । क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण प्रिंस को बहुत सारे अस्पताल ले जाया गया, अत्यधिक क्षतिग्रस्त होने पर डॉक्टर प्रिंस का बांया हाथ और दांया पैर नहीं बचा पाए और जान बचाने के लिए उसका हाथ व पैर काटना पड़ा । हाथ व पैर के कटने के 1.5 साल पश्चात भी प्रिंस अपने दैनिक जीवन की गतिविधि करने में बहुत ही लाचार था और असहाय महसुस करता था । प्रिंस स्वयं से शौचालय , स्कूल, व कही भी जाने में असमर्थ था, प्रिंस को इन गतिविधिओ को करने के लिए माँ और भाइयों की आवश्यकता पड़ती थी ।
एक दिन प्रिंस के परिवार को पता चला की हमारे सिंगरौली जिले में इंडियन रेड क्रॉस सोसायटी द्वारा संचालित संस्था जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र है जहाँ कृत्रिम अंग बनाये जाते है, तत्पश्चात प्रिंस को डी.डी.आर.सी में लेकर आये, प्रिंस का पैर बहुत ही उलझा हुआ था,लेकिन हमारे चेयरमैन सर एवं सचिव सर के मार्गदर्शन व निर्देशन में डी.डी.आर. सी. में उसका असेसमेंट किया गया और उस संस्था में कार्यरत सेवायुक्त राधा साकेत के द्वारा उनके पैर का नाप लिया गया ।
कुछ दिन पश्चात पैर बनाने पर प्रिंस को 1 सप्ताह चलने का प्रशिक्षण दिया गया , प्रशिक्षण देने के पश्चात रेड क्रॉस सोसाइटी द्वारा संचालित डी डी आर सी,सिंगरौली के द्वारा प्रिंस को पैर प्रदान किया गया । प्रिंस अब अपने पैरो पर चल कर नियमित रूप से स्कूल जा रहा है । प्रिंस अपने दैनिक जीवन की कार्यो के लिए किसी पर निर्भर नहीं है. प्रिंस और उसका परिवार भी खुश है । प्रिंस डी.डी.आर.सी में 15-20 दिन में फॉलोअप के लिए आते रहते है । प्रिंस भविष्य मे इंजीनियरिंग करना चाहता है और अपने जीवन के सपनों को साकार करने में प्रयासरत है ।