
काल चिंतन कार्यालय
वैढ़न,सिंगरौली। इन दिनों जिले का परिवहन विभाग सुर्खियों में है। ज्यादा से ज्यादा राजश्व वसूली के नाम पर बहुत ज्यादा अवैध वसूली हो रही है और इस काम को दादागिरी के बल पर संपन्न किया जा रहा है। आरटीओ साहब की भी सहमति प्राप्त है।
जिले के खनहना परिवहन बैरियर पर वाहनों का भारी संख्या में आवागमन है। यह परिवहन विभाग का पहला नाका है। जिसे विभाग ने स्थापित किया था। विभागीय कर्मचारियों के अलावा प्राईवेट लोग भी सहयोग के लिए तैनात किये गये हैं। इस बैरियर पर शुरू से ही प्राईवेट व्यक्तियों का बोलबाला था। राज सिंह, विपुल सिंह जैसे लोग जी खा रहे थे और प्रभारी को भी जिला रहे थे। आज भी वही स्थिति है। बाहरी और भीतरी दोनों मिलकर राजश्व की वसूली तो कर ही रहे हैं अवैध वसूली भी जारी है।
जिले के चार नाकों की निगरानी के लिए एक उपनिरीक्षक की नियुक्ति है जो कथित रूप से चारो बैरियरों पर घूमते रहते हैं और बैरियर प्राईवेट और आरक्षकों के भरोसे चल रहा है। सूत्रों की मानें तो खनहना बैरियर को पार करते हुये जितने भी कोयले के वाहन चल रहे हैं। उसमें ज्यादातर का महीना बंधा हुआ है। जो बाहर से गाड़ियां आती हैं उनका परमिट, इन्श्योरेंस, फिटनेस आदि ठीक होने पर भी सुविधा शुल्क देना पड़ता है। यानि पार किये, आये तो कुछ देकर जाओ चल रहा है। इसके अलावा बालू, गिट्टी, पत्थर, कबाड़, आदि वाहनों से अवैध वसूली की जा रही है। अब मोटर विहिकल एक्ट है तो बच कर कहां जाओगे। सारे कागज सही हैं तो नंबर प्लेट पर धूल दिखा दी जायेगी, नंबर प्लेट टेढ़ा है यह बताया जायेगा, बॉडी की बनावट कानून के हिसाब से नहीं है यह बताया जायेगा, तो बच्चा बचकर कहां जाओगे। चढ़ोत्तरी तो देनी पड़ेगी। परिवहन के खनहना नाका पर चांदी ही चांदी है।