
काल चिंतन कार्यालय
वैढ़न,सिंगरौली। जिले के महिला एवं बाल विकास विभाग में दलालों का बोलबाला है। पूरा विभाग दललों के सहारे चल रहा है। केन्द्र सरकार की योजना के तहत करोड़ो रूपये की बंदरबांट हो रही है। पूरे जिले में सैकड़ो आंगनवाड़ी केन्द्र हैं जहां बच्चों को पोषण आहार पहुंचाने की जिम्मेदारी महिला स्व सहायता समूहों को दी गयी है वह काम सिर्फ कागजों पर हो रहा है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता केन्द्रों में पहुंचकर अपनी आमद दर्ज कराती हैं और ताला बन्द कर अपने घर चली जाती हैं। आंगनवाड़ी केन्द्रों में पहुंचे हुये गरीब बच्चे कभी भोजन पाते हंै, कभी नहीं पाते, जबकि नाश्ता से लेकर खाने तक की पूरी मीनू शासन द्वारा तय है लेकिन उसको दरकिनार करके शहरी अंचल में शासन के धन की बंदरबांट की जा रही है। आंगनवाड़ी केन्द्रों में मीनू तो दूर भोजन तक नहीं पहुंच रहा है।
वैढ़न, विन्ध्यनगर, सिंगरौलिया, नौगढ़, नवजीवन बिहार, मुहेर, पंजरेह, आदि स्थानों पर जो भी आंगनवाड़ी केन्द्र हैं वहां समुचित रूप से बच्चों का भोजन नहीं पहुंच रहा है। जबकि समूहों द्वारा फर्जी ढंग से बच्चों की संख्या बताकर बिल बनाया जा रहा है और प्रतिमाह वसूला जा रहा है। सूत्रों की मानें तो विभाग के जिम्मेदार अधिकारी सुविधा शुल्क लेकर समूहों को भुगतान कर रहे हैंै और योजना औधे मूंह गिर रही है।
महिला एवं बाल विकास विभाग में ब्याप्त कथित भ्रष्टाचार की जड़ में वे एजेंट हैं जो कि महिला एवं स्व-सहायता समूहों के संचालकों तथा विभाग के बीच में कड़ी बने हुये हैं। इन एजेंटों द्वारा विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों को सुविधा शुल्क प्रदान किया जाता है तथा समूहों को संतुष्ट किया जाता है। इस गोरखधंधे में एजेंटों को भारी मात्रा में धनराशि प्राप्त हो रही है और भ्रष्टाचार का बोलबाला कायम है।