डीएवी वैढ़न में विधिक साक्षरता शिविर का हुआ आयोजन

सिंगरौली। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सिंगरौली एवं सर्वहित सेवा संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में डीएवी स्कूल बैढन में बालकों के संरक्षण विधिक अधिकार पाकसो विषय पर विधिक साक्षरता शिविर आयोजित हुई जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में जिला विधिक सहायता अधिकारी अतुल सेन एवं किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य रंजीत सिंह तथा जिला अधिवक्ता संघ सिंगरौली के उपाध्यक्ष अवनीश दुबे उपस्थि रहे ।
शिविर के शुरुआत में विद्यालय के प्राचार्य अरविंद सिंह ने स्वागत उद्बोधन देते हुए उपरोक्त विषय पर आज की आवश्यकता को समझाते हुए छात्र छात्राओं को प्रेरक संदेश जन जागरूक होने हेतु प्रेरित किया शिविर में मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए जिला विधिक सहायता अधिकारी अतुल सेन ने कहा कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण समस्त जिले में कार्यरत विधिक अधिकारों के प्रति जन जागरूक करने का कार्य करती है जिसके तहत आज हम आपके विद्यालय मे विषय जो आज का गंभीर मुद्दा अति संवेदनशील विषय है उस पर चर्चा करने हेतु और आप सभी को जागरूक करने के लिए अपनी बात साझा कर रहे हैं हमें पॉक्सो के बारे में जानने से पहले यह जानना जरूरी है कि हमारे आसपास का वातावरण और उसमें हमारे विधिक अधिकार का हनन यदि कहीं होता है तो हमें जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के फोरम पर अपनी बात आप बेबाकी से साझा कर सकते हैं शिविर को किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य रंजीत सिंह ने संबोधित करते हुए कहा कि पॉक्सो एक्ट की शुरुआत जिस स्थिति परिस्थिति के साथ हुई है उस परिस्थिति से निपटने के लिए जागरूकता ही सबसे बड़ा कदम है बगैर जागरूकता के हम अपने अधिकारों को प्राप्त करने से वंचित रह जाते हैं आज इसकी महत्ता इसलिए भी बढ़ जाती है क्योंकि आधुनिक युग के दौर में हर घर परिवार में बच्चों के पास भी स्मार्टफोन आने से और खासकर कोरोनावायरस के पीरियड में ऑनलाइन के जुड़ने से निश्चित रूप से साइबर क्राइम ने स्थान बना लिया है उसके साथ-साथ बच्चों के मौलिक चिंतन शारीरिक मानसिक एवं बौद्धिक हर तरह से साइबर की गुलामी में जकड़ी हुई है उस से मुक्ति पाने के लिए दूरी बनाने की आवश्यकता है और उससे होने वाले अपराध के बारे में परिचित होना और अपने विधि के अधिकारों को प्राप्त करना जरूरी है शिविर को जिला उपाध्यक्ष जिला अधिवक्ता संघ सिंगरौली अवनीश दुबे ने संबोधित करते हुए कहा कि 2012 में निर्भया कांड के बाद देश की राजधानी से लेके ऊर्जा राजधानी तक कैंडल मार्च निकालकर जो इस घटना का रोष व्यक्त किया गया उसके बाद न्यायपालिका और शासन प्रशासन की नींद टूटी बलात्कार के केस में जस्टिस वर्मा आयोग कमेटी गठित हुई और सेक्सुअल असाल्ट हैरेसमेंट और बलात्कार को जघन्य अपराध माना गया बलात्कार की सजा को बढ़ाकर फांसी की सजा का प्रावधान रखा गया किंतु उसके बावजूद भी तब से लेकर आज तक एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार 39 प्रतिशत बलात्कार की घटनाएं बड़ीऔर देश में सबसे भयावह स्थिति तब बनी हुई है जब यह घटनाएं अपने जानकार परिचित और सगे संबंधियों द्वारा की जा रही हैं 6 साल से लेकर 12 साल एवं 18 साल के अंदर घटनाएं भयावह रूप ले चुकी है।
आज बच्चे जो टीनएजर्स एवं एडल्टसेंएज में है उन्हें अपने भले बुरे की समझ नहीं है और इस बनने और बिगड़ने की उम्र में वह जाने अनजाने में अपराध के शिकार हो जाते हैं जिन बच्चों को गुड टच बैड टच के बारे में जानकारी नहीं है वह अपने सगे संबंधियों द्वारा भी या जानने पहचानने वालों के द्वारा भी घटित घटनाओं के शिकार होते हैं ऐसे में आप सभी छात्र छात्राओं से मेरी अपील है कि आप सभी लोग उपरोक्त घटनाओं का विरोध करें डटकर मुकाबला करें और अपने परिवार माता-पिता को इसकी जानकारी अवश्य दें ताकि समय रहते उस घटना को जो शुरुआत हो रही है उस पर लगाम लगाई जा सके आप देश के अमूल्य निधि हो आपके ऊपर देश का भावी भविष्य है जिसे संभालने और सुरक्षित करने की हम सबकी नैतिक जिम्मेदारी भी है शिविर में सैकड़ों छात्र-छात्राएं विद्यालय के शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक स्टाफ मौजूद रहे।