रेड क्रॉस द्वारा संचालित जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र सिंगरौली द्वारा बनाया जा रहा दिव्यांगों को आत्मनिर्भर
एक सच्ची घटना - निशा सिंह की कहानी

सिंगरौली। सिंगरौली जिले के मुख्यालय से लगभग 100 किलोमीटर दूर स्थित निवास के छोटे से गाँव बंजारी में निशा सिंह रहती है निशा की उम्र 9 वर्ष है। निशा के पिता ज्वाला सिंह दैनिक मजदूरी करके अपने परिवार का भरण पोषण करते थे । वर्तमान मे निशा के पिताजी तपेदिक की बीमारी के कारण कोई काम काज नही कर पाते, इसीलिए निशा के परिवार का पालन पोषण उसके चाचा जी करते है । निशा के परिवार मे पापा, मम्मी व 3 भाई बहन और उसके चाचा भी रहते है ।
निशा प्राथमिक पाठशाला के कक्षा 4 में पढ़ती है। उसके माँ के गर्भावस्था के दौरान दवाओं के दुष्प्रभाव के कारण निशा का पैर माँ के पेट में पूरी तरह आकार नहीं ले पाया, जिसके कारण निशा का दायाँ पैर घुटने के नीचे से जन्म के समय से ही नहीं था । जन्म से ही घुटने के नीचे से पैर नहीं होने के कारण निशा अपने पैरो पर चल नही सकती थी , दैनिक जीवन की गतिविधियो के लिए निशा अपनी मम्मी पर पूरी तरह निर्भर थी अथवा जमीन पर घसीट कर चलती थी । निशा को उसकी मम्मी गोंद में लेकर स्कूल एवं अन्य जगहों पर आती जाती थी ।
जिला प्रशासन सिंगरौली की मंशा अनुरूप अक्टूबर 22 मे ग्रामसभा निवास में दिव्यांगजन शिविर लगाया गया , जिसमे डी डी आर सी की टीम गयी हुई थी , कैंप के दौरान डी डी आर सी के टीम के द्वारा निशा का मूल्यांकन किया गया।
पी एन्ड ओ मुकुल किशोर के द्वारा मूल्यांकन करने के पश्चात निशा कुमारी को कृत्रिम पैर प्रदान करने हेतु राधा देवी साकेत के द्वारा नाप लिया गया।
चूंकि निशा की उम्र कम थी और इसके लिए किट भी सभी जगह उपलब्ध नहीं है, और यह एक तरीके से बहुत ही चैलेंजिंग कार्य था, फिर भी रेडक्रॉस सोसाइटी के चेयरमैन ने ऐसे कार्य को हर हालत मे शीघ्रता से पूरा करने का निर्देश अपनी टीम को दिया ।
रेड क्रॉस सोसाइटी के अध्यक्ष एवं कलेक्टर सिंगरौली श्री अरुण परमार आई.ए. एस. के निर्देशन एवं चेयरमैन श्री एस.डी.सिंह व सचिव डॉ.डी.के.मिश्रा के मार्गदर्शन में कुछ दिन पश्चात डी डी आर सी टीम द्वारा निशा का कृत्रिम पैर बनाकर तैयार किया गया।उसके पश्चात दिव्यांग केंद्र के एक्सपर्ट टीम द्वारा निशा को दिव्यांग केंद्र में बुलाकर कृत्रिम पैर पहनाकर चलने का प्रशिक्षण प्रदान किया गया । प्रशिक्षण देने के उपरांत निशा को नि:शुल्क कृत्रिम पैर इंडियन रेडक्रॉस सोसाइटी के अध्यक्ष एवं कलेक्टर श्री अरुण परमार के हाथों से बालिका निशा को कृत्रिम पैर प्रदान किया गया ।अब निशा अपने पैरो पर चलकर आसानी से स्कूल आती जाती है। निशा को अब चलने फिरने और दैनिक जीवन की गतिविधिओ के लिए आत्मनिर्भर है ।रेड क्रॉस सोसाइटी के चेयरमैन श्री एस.डी.सिंह के द्वारा बताया गया कि सामाजिक न्याय एवं दिव्यांग सशक्तिकरण विभाग से सम्बद्ध एवं रेड क्रॉस द्वारा संचालित जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र में आधुनिक तरीके से कृत्रिम अंग/ सहायक उपकरण का निर्माण कर समाज के शोषित ,वंचित, पीड़ित लोग और समाज मे हेयदृष्टी से जिनको देखा जाता है , उनको सहायता प्रदान कर स्वलंबित/ आत्मनिर्भर बनाया जाता है। डी डी आर सी की ओर से कैलिपर, कृतिम अंग, मॉडिफाइड शूज और अन्य सहायक उपकरण को दिव्यांगजनों को नियमित रूप से आगे भी प्रदान किया जायेगा ।