मध्य प्रदेश

चपकी में एनसीएल द्वारा निर्मित रानी दुर्गावती धनुर्विद्या केंद्र एवं आवासीय परिसर का हुआ लोकार्पण

23वें खेल महोत्सव के आयोजन के लिए एनसीएल ने दिए 3 करोड़

 

सिंगरौली। सोमवार को माननीय राज्य मंत्री अनुसूचित जाति/ जनजाति, भारत सरकार श्रीमती रेणुका सिंह ने सोनभद्र के चपकी ग्राम में स्थित सेवाकुंज आश्रम में नवनिर्मित रानी दुर्गावती धनुर्विद्या केंद्र एवं आवासीय परिसर का लोकार्पण किया । यह धनुर्विद्या केंद्र एवं आवासीय परिसर नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड(एनसीएल) के दूधीचुआ क्षेत्र द्वारा सीएसआर के तहत बनवाया गया है ।केंद्र का लोकार्पण सेवाकुंज आश्रम में आयोजित 23वें खेल महोत्सव के दौरान किया गया जिसमें 30 राज्यों से करीब 1500 प्रतिभागी/शिक्षक शामिल हुए और अपने धनुर्विद्या कौशल को दिखलाया । इस महोत्सव के आयोजन के लिए एनसीएल ने प्रान्तीय खण्ड लोक निर्माण विभाग, सोनभद्र के साथ एमओयू के माध्यम से 3 करोड़ का सहयोग दिया है ।

इस अवसर पर माननीय राज्य मंत्री अनुसूचित जाति/ जनजाति, भारत सरकार श्रीमती रेणुका सिंह बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहीं । इसके साथ ही माननीय सांसद राज्य सभा श्री राम शकल, माननीय राज्य मंत्री अनुसूचित जाति/ जनजाति, उ॰ प्र॰ श्री संजीव गोंड , सीएमडी एनसीएल श्री भोला सिंह सहित अन्य गणमान्य उपस्थित रहे ।
इस केंद्र के माध्यम से तीरंदाज़ी का अभ्यास करने वाले वनवासियों को अपने धनुर्कौशल को निखारने और इसे राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर प्रदर्शित करने में मदद मिलेगी ।एनसीएल के दूधीचुआ क्षेत्र ने यहाँ पर सीएसआर के तहत आवासीय धनुर्विद्या केंद्र की स्थापना की है जिसके अंतरगत आर्चरी शेड, मैदान, आवासीय परिसर इत्यादि तैयार किया गया है । इस केंद्र में वर्तमान में 22 बच्चे प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं ।
वर्तमान समय में यहाँ पर 2.49 करोड़ की लागत से सुविधाओं की बेहतरी , मैदान के समतलीकरण एवं अन्य बुनियादी ढांचे का निर्माण कार्य भी चल रहा है । सेवाकुंज आश्रम में एनसीएल ने आदिवासी व ग्रामीण अंचल के लगभग 250 बच्चों के लिए एक छात्रावास का निर्माण करवाया है जिसकी लागत 4.9 करोड़ है ।  इसके साथ ही यहाँ पर 2 करोड़ की लागत में एक रसोई घर एवं डाइनिंग हाल का निर्माण भी करवाया गया है ।

गौरतलब है कि इस आश्रम में आस-पास के आदिवासी बच्चे पढ़ाई करते हैं । गाँव से अधिक दूरी के चलते कुछ बच्चों के लिए प्रतिदिन विद्यालय आना जाना संभव नहीं हो पाता है जिसके चलते उनकी पढ़ाई बीच में ही छूट जाती है।  इसी को ध्यान में रखते हुए एनसीएल ने यहाँ पर आवासीय शिक्षा की व्यवस्था करने हेतु 24 बड़े कमरों के छात्रावास का निर्माण करवाया है जिसमें 250 से 300 बच्चे एक साथ रह सकते हैं । इसके साथ ही यहाँ पर कार्यालय एवं शौचालय का निर्माण भी कराया गया है।

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