अपना चैम्बर छोड़ नगर निगम के मुख्य द्वार पर बैठीं महापौर
कहा-भाजपा के दबाव में काम कर रहे हैं अधिकारी, जानकारी मांगने पर अधिकारी नहीं देते जवाब

सिंगरौली। नगर निगम की महापौर आज अपना चेंबर छोड़ नगर निगम के दरवाजे पर बैठकर लोगों की समस्या सुनते नजर आई। महापौर का आरोप है कि अधिकारी हितग्राहियों की तो छोड़िए उनकी खुद की नहीं सुन रहे हैं। हालांकि इस मामले में अधिकारी अपनी सफाई दे रहे हैं। महापौर श्रीमती रानी अग्रवाल का कहना है कि ११ जनवरी को एमआईसी की मीटिंग है आज ९ जनवरी हो गयी अधिकारियों द्वारा जो जानकारी मांगी जा रही है उसे वह नहीं दे रहे हैं। उन्होने कहा कि भाजपा के दबाव में नगर निगम के अधिकारी काम कर रहे हैं तथा जनहित के मुद्दों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। उन्होने कहा कि यदि निगम के अधिकारियों का रवैया इसी तरह रहा तो वह नीचे गेट के पास ही बैठेंगे जिससे जनता को भी उनसे मिलने में सहूलियत होगी।
दरअसल सिंगरौली जिले में काबिज आम आदमी पार्टी की मध्यप्रदेश की इकलौती महापौर रानी अग्रवाल इन दिनों नगर निगम के अधिकारियों से बेहद खफा और परेशान हैं। श्रीमती रानी अग्रवाल का कहना है कि अधिकारी उनके बुलावे पर ना ही उनके पास पहुंचते हैं और ना ही उनके दिए गए निर्देशों का पालन करते हैं बल्कि गोलमोल जवाब देकर उन्हें गुमराह करने का प्रयास करते हैंञ इसी से नाराज होकर आज महापौर रानी अग्रवाल अपना चैंबर छोड़ नगर निगम दफ्तर के दरवाजे पर लगी कुर्सी टेबल में बैठ गई और वहां उन्होंने आने वाले हितग्राहियों की समस्याएं सुनी। उनका कहना है कि नगर निगम के अफसर उन्हें नजरअंदाज भी कर रहे हैं।
अब इस मामले पर अधिकारियों का अपना अलग तक़र् है उनका कहना है कि महापौर के आदेशों का अक्षरस: पालन किया जाता है लेकिन कुछ मुद्दों पर वह भी गोलमोल जवाब देकर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं ! यह कोई पहला मौका नहीं है जब सिंगरौली नगर निगम में महापौर और अधिकारियों के बीच तनातनी हुई हो इसके पहले भी महापौर ने उनकी उपेक्षा का आरोप लगाया है और उनका कहना है कि यहां बीजेपी के लोग अपनी सत्ता चलाना चाहते हैं।