सोन नदी के दर्जनों घाट से हो रहा प्रतिबंधित रेत उत्खनन

आर.के.श्रीवास्तव
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काल चिन्तन,सिंगरौली। सोन घड़ियाल अभ्यारण्य में प्रतिबंधित रेत उत्खनन की बात अब बेमानी हो गयी है। चितरंगी तहसील में रेत उत्खनन की बात अब चर्चा का विषय नहीं रही। पूरा जिला प्रशासन जानता है कि सोन नदी में जो भी उत्खनन हो रहा है वह अवैध है फिर भी सोन नदी के घाटों में जो भी अवैध उत्खनन हो रहा है वह जिला प्रशासन की देखरेख में हो रहा है। हम बात खनिज विभाग की करें या पुलिस विभाग की करें दोनों बातें मायने रखती हैं।जिले का खनिज विभाग यह कहता है कि सोन घड़ियाल अभ्यारण्य उसके कार्यक्षेत्र से बाहर है। वहीं पुलिस विभाग सुनियोजित ढंग से सोन घड़ियाल अभ्यारण्य के इलाकों से रेत का अवैध उत्खनन करा रहा है।
प्रतिबंधित सोन नदी क्षेत्र के करबला, क्योंटली, चिकनी, गढ़वा, देऊरा, गुड़गवां, झारकांटा, बरवाडीह, बडरम सहित दर्जनों घाटों से जो रेत उठ रहा है वह किसकी कृपा पर उठ रहा है? जिला प्रशासन यदि सचेत है तो इन घाटों से उठने वाला रेत चिल्ला-चिल्लाकर कह रहा है कि मैं किसकी पैदाईश हूं? कलेक्टर को इस बात का जवाब देना चाहिए।
रात्रि 12 बजे से लेकर चार बजे भोर तक पांच घण्टा सोन नदी का सीना चीरकर अवैध ढंग से रेत निकाला जा रहा है। सारा माल अवैध ढंग से हो रहे चितरंगी में हो रहे विकास कार्यों में लग रहा है एवं उत्तर प्रदेश की सीमा में बेंचा जा रहा है।
सरकार ने पूरे सिंगरौली जिले का रेत का ठेका किया है। मसलन यह है कि जिले में जो भी रेत का उत्खनन होगा वह एक ही कान्टे्रक्टर के द्वारा किया जायेगा। फिर भी यदि रेत का ब्यापक रूप से चितरंगी में उत्खनन हो रहा है तो यह चिंता का विषय है। जिला प्रशासन इस बात का जवाबदेह है।