मध्य प्रदेश

बैरियर पर आये हो तो चढ़ानी होगी चढ़ोत्तरी

परिवहन विभाग के खनहना, जयंत बैरियर का सूरत ए हाल

काल चिंतन कार्यालय
वैढ़न,सिंगरौली। जिले के परिवहन विभाग के खनहना एवं जयंत बैरियर पर दादागिरी के साथ अवैध वसूली के मामले सुर्ख्रियों में हैं। इस बैरियर से बाहर जाने वाले तथा बाहर से बैरियर से आने वाले सारे परिवहन चालकों के बीच त्राहिमाम-त्राहिमाम मची हुयी है। कारण यह है कि जिले में स्थापित चार आरटीओ बैरियर पर नाम मात्र के विभागीय कर्मचारी रहते हैं। उनके अतिरिक्त बड़ी संख्या में बाहरी लोगों को नाकों पर वसूली के लिए बैठाया गया है। सरकार को ज्यादा से ज्यादा राजस्व भेजने की मुहिम में नाकों पर बैठे कर्मचारी तथा बाहरी लोग धड़ल्ले से अपनी तिजोरी भर रहे हैं। नाकों पर चल रही प्रक्रिया क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुयी है।

सिंगरौली से यूपी में जाने वाले वाहन चालकों के मालिकों ने अनौपचारिक रूप से अपनी पीड़ा बताते हुये कहा कि अगर वाहन के सारे कागज अप टू डेट हैं तो भी छोटा हाथी, पिकअप, आदि छोटे वाहनों से सात सौ से आठ सौ रूपये अवैध रूप से वसूला जाता है। न देने पर वाहनों को घण्टों जांच के नाम पर खड़ा कर दिया जाता है जिससे की वाहन मालिक को क्षति होने लगती है। जिन पैसों की रशीद नहीं दी जाती, ऐसी वसूली का विरोध करने पर माँ बहन की भद्दी-भद्दी गालियां दी जाती हैं। कई बार तो डंडा लेकर मारने के लिए भी दौड़ाया जाता है। यदि बैरियर पर छ: चक्का, आठ चक्का, बारह चक्का जैसे वाहन आ गये तो सारे कागजातों की औपचारिकता पूरी होने के बावजूद भी उनसे तीन हजार तक की वसूली की जाती है। एक वाहन मालिक ने चर्चाओं के दौरान कहा कि, बताईये जो वाहन माल लेकर चार स्टेट पार करके एमपी में आया है तो क्या उसके पास परमिट या अन्य औपचारिकताएं नहीं होंगी? खनहना और जयंत बैरियर पर इन बातों से कुछ लेना देना नहीं है। रात दिन शिफ्ट वाइज प्राइवेट आदमी आरटीओ बैरियरों पर दादागिरी के साथ धमाचौकड़ी मचाये रहते हैं।
चर्चा में तो इतना है कि पाँच सात प्राईवेट आदमियों की संख्या में लोग वाहनों में बैठ जाते हैं और खनहना, जयंत, मटवई, करौटी आरटीओ बैरियरों पर राउंड मारते रहते हैं। यह कथित अवैध वसूली किसके आदेश पर हो रही है जनता जानना चाहती है।

पैसा लेने के बाद ही छोड़ी गाड़ी: संजय नामदेव

सिंगरौली। जिले के परिवहन विभाग की कारगुजारियों का रोना रोते हुये भारतीय कम्यूनिष्ट पार्टी के नेता श्री संजय नामदेव ने अपना वाकया सुनाया। उन्होने बताया कि गत दिसम्बर माह में उनके वाहन ट्रेवलर को गश्त के दौरान परिवहन विभाग ने उठा लिया। दस दिनों तक उक्त वाहन बरगवां थाने मे खड़ा था। भाकपा नेता बताते हैं कि वाहन का सारा कागज मौजूद था फिर भी वाहन दस दिनों तक थाने में खड़ा रहा। उस समय श्री नामदेव एक कार्यक्रम के दौरान केरल में थे। केरल से लौटने केबाद उन्होने कोर्ट में आवेदन लगाया। आवेदन लगाने के बावजूद परिवहन विभाग ने तारीखों पर डायरी नहीं भेजी। अंतत: भाकपा नेता के भाई से बीस हजार रूपया लेकर वाहन को बिना किसी कार्यवाही के मुक्त कर दिया गया। बीस हजार रूपये में से दस हजार की रशीद दी गयी तथा दस हजार पाकेट में डाल लिया गया।

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