मध्य प्रदेश

हवा में टकरा गए थे मिराज और सुखोई! ग्वालियर से भरी थी उड़ान; हादसे से जुड़े बड़े अपडेट्स

मुरैना

मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में शनिवार को भारतीय वायुसेना के दो फाइटर जेट्स (सुखोई एसयू-30 और मिराज-2000) दुर्घटनाग्रस्त हो गए। इस हादसे में सुखोई जेट में सवार दो पायलट्स को हल्कीं चोटें आई हैं, जबकि मिराज में सवार पायलट की मौत हो गई। आशंका है कि दोनों फाइटर जेट्स आसमान में एक-दूसरे से टकरा गए थे। दोनों ने मध्य प्रदेश के ग्वालियर बेस से ही उड़ान भरी थी। हादसे इतना जोरदार था कि विमान का कुछ मलबा 100 किलोमीटर दूर राजस्थान के भरतपुर में भी पाया गया।

मुरैना के एसपी ने घटनाक्रम की पुष्टि करते हुए कहा कि एक विमान में दो पायलट थे और उन्हें सुरक्षित बचा लिया गया और तीसरे पायलट के शरीर के बॉडी पार्ट्स मिले हैं। मुरैना एसपी ने कहा, ”दो जेट – मिराज और सुखोई- ने सुबह ग्वालियर से उड़ान भरी। भारतीय वायुसेना के अनुसार, एक विमान में 2 पायलट थे, जबकि दूसरे में एक। 2 को सुरक्षित बचा लिया गया, तीसरे के शरीर के अंग पाए गए। जेट के कुछ हिस्से भरतपुर (राजस्थान) में पाए गए।” रक्षा सूत्रों के अनुसार, दो विमानों के बीच हवा में संभावित टक्कर तब हुई जब वे बहुत तेज गति से अभ्यास के लिए उड़ रहे थे। अधिक जानकारी कोर्ट ऑफ इंक्वायरी में सामने आएगी। वायुसेना ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं।

मुरैना में क्रैश हुए विमान के कुछ मलबे वाले वीडियो सामने आए हैं। वीडियो और तस्वीरों में विमान का मलबा दिख रहा है, जबकि उसमें से धुंआ भी उठता दिखाई दे रहा। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) आदर्श कटियार ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि दुर्घटना का कारण अभी स्पष्ट नहीं है। उन्होंने कहा, “यह स्पष्ट नहीं है कि विमान आपस में टकराए या नहीं।” हालांकि, रक्षा सूत्रों ने बताया है कि संभावना है कि दोनों विमानों की आपस में टक्कर हो गई है।

हादसे में दो पायलट सुरक्षित
दुर्घटना के दौरान Su-30 में दो पायलट थे जबकि मिराज 2000 में एक पायलट था। रक्षा सूत्रों ने बताया कि प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा गया है कि दोनों पायलट सुरक्षित हैं जबकि तीसरे पायलट की मौत हो गई है। रक्षा सूत्रों ने कहा, ”IAF ने यह स्थापित करने के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश दिया है कि हवा में टक्कर हुई थी या नहीं। दुर्घटना के दौरान Su-30 में 2 पायलट थे जबकि मिराज 2000 में एक पायलट था। प्रारंभिक रिपोर्टों से पता चलता है कि 2 पायलट सुरक्षित हैं।”

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को दी गई जानकारी
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने घटना का जायजा लिया और वायुसेना प्रमुख वीआर चौधरी से बात की और स्थिति की लगातार निगरानी कर रहे हैं। रक्षा सूत्रों ने बताया, “राजनाथ सिंह को वायुसेना प्रमुख ने भारतीय वायुसेना के दो विमानों के दुर्घटनाग्रस्त होने के बारे में जानकारी दी थी। रक्षा मंत्री ने भारतीय वायुसेना के पायलटों के बारे में जानकारी ली और घटनाक्रम की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं।”

100 किलोमीटर दूर गिरा लड़ाकू विमान का मलबा
मुरैना में लड़ाकू विमान मिराज 2000 का मलबा 100 किलोमीटर दूर राजस्थान के भरतपुर के उच्चैन में जा गिरा। ऐसे में शुरुआत में आशंका जताई जा रही थी कि यह दोनों हादसे अलग अलग हैं। लेकिन यह साफ हो गया है कि यह घटना एक ही है। मुरैना के एसपी ने कहा कि मुरैना हादसे में ही एक विमान मिराज 2000 का मलबा भरतपुर के उच्चैन में गिरा है। हालांकि, अभी तक यह साफ नहीं हो सका है कि हादसे के बाद मिराज ने कैसे 100 किमी से अधिक की दूरी तय कर ली। अधिकारियों को हादसे के बाद इतनी दूर विमान का मलबा गिरने पर आश्चर्य भी हो रहा है। अधिकारियों के अनुसार, हादसे के बाद आग का गोला बना मिराज 2000 जब भरतपुर की ओर चला था। तो इसने बीच रास्ते में कई गांव और आबादी वाले इलाके के ऊपर से होकर निकला।

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