
वैढ़न,सिंगरौली। माडा तहसील अंतर्गत नगवा गांव में पली-बढ़ी और पोलियो के कारण बचपन से ही दोनों पैरों से लाचार 30 साल की मुन्नी पनिका ने अदाणी फाउंडेशन की मदद और अपने मेहनत व लगन के बदौलत दिव्यांगता को जीवन पर भारी नहीं पड़ने दिया। सच्ची लगन एवं सकारात्मक सोच के साथ अगर आप आगे बढ़ते हैं तो आपकी मदद के लिए कई हाथ उठते हैं कुछ ऐसा ही हुआ नगवा गांव की मुन्नी पनिका के साथ। आदिवासी समुदाय की मुन्नी पनिका अपने ही घर में कॉस्मेटिक स्टोर चलाती हैं और शादी के मौके पर दुल्हन के लिए जरुरी श्रृंगार का सामान रखती हैं और गांव में जरूरतमंद परिवार को किराया पर देती हैं। इस कॉस्मेटिक स्टोर के सहारे मुन्नी पनिका को महीने में करीब 12 हजार रुपये की आमदनी होती है। आज मुन्नी इस आमदनी से न सिर्फ बूढ़े मां- पिता सहित घर का खर्च चला रही हैं, बल्कि अपने छोटे भाई की पढ़ाई का खर्च भी उठा रही हैं।
महान इनर्जेन लिमिटेड से प्रभावित गांव नगवा में दोनों पैरों से लाचार होने के कारण मुन्नी पनिका की शादी नहीं हो सकी है और अपने बूढ़े माँ-पिता के साथ रहती हैं। कुल पांच भाई बहनों में से तीन बहनों की शादी हो चुकी है और छोटा भाई नौवीं कक्षा में पढता है। पिता श्यामलाल पनिका खेतिहर मजदूर थे, अब बढ़ती उम्र के कारण लाचार हैं। वे अपनी बेटी मुन्नी पनिका के दुकान चलाने में सहयोग देते हैं। यानी बूढ़े मां-बाप के खर्च और छोटे भाई की पढ़ाई की जिम्मेदारी भी घर की बेटी मुन्नी पर ही है जिसे वह बखूबी निभा रही हैं। अदाणी फाउंडेशन के मदद से मुन्नी पनिका को स्वयं सेवी संस्था ग्रामीण स्व-रोजगार प्रशिक्षण संस्थान (क्रस्श्वञ्जढ्ढ) के द्वारा ब्यूटीशियन कोर्स की ट्रेनिंग दिलाई गयी थी लेकिन पैसे के अभाव में ब्यूटी पार्लर नहीं खोल सकी। मनोज प्रभाकर के नेतृत्व में अदाणी फाउंडेशन की टीम को जब इस बात की जानकारी मिली तो सामाजिक दायित्व के तहत मुन्नी पनिका को आर्थिक मदद दिया गया और कॉस्मेटिक स्टोर के संचालन के लिए श्रृंगार से सम्बंधित सामग्री उपलब्ध कराई गई। मुन्नी पनिका का कहना है कि, अदाणी फाउंडेशन के मदद से मुझे काफी हौसला मिला और इसी वजह से आज मैं अपने परिवार के लिए जरूरी खर्च जुटा पाती हूँ साथ ही अपने बूढ़े मां-पिताजी और छोटा भाई का ख्याल रख पाती हूँ। मुन्नी के माता-पिता भी अदाणी फाउंडेशन को इसके लिए धन्यवाद दे रहे हैं।
अदाणी फाउंडेशन के द्वारा महान इनर्जेन लिमिटेड से प्रभावित ग्रामीण महिलाओं के लिए सिलाई प्रशिक्षण केंद्र की भी शुरुआत की गयी है, जहां पर कुशल प्रशिक्षक के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को कपड़े की सिलाई के साथ स्कूल ड्रेस, सेफ्टी जैकेट एवं पैक बनाने का भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। आसपास के ग्रामीण इलाकों की महिलाओं के आत्मनिर्भरता के लिए अन्य कार्यक्रम जैसे मशरूम उत्पादन, सब्जी उत्पादन, जैविक खाद का निर्माण, धूपबत्ती, अगरबत्ती, घरेलू साफ सफाई करने की सामग्री का निर्माण जैसे कई कार्यक्रमों की शुरुआत की गयी है। स्थानीय ग्रामीणों द्वारा अदाणी फाउंडेशन के द्वारा किए जा रहे इन कार्यक्रमों की काफी सराहना हो रही है और उनका मानना है कि सामाजिक तरक्की के लिए महिलाओं का आत्मनिर्भर होना जरूरी है।