आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को मिले शासकीय कर्मचारी का दर्जा
विभिन्न मांगों को लेकर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन कर एटक की अगुवाई में मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन

वैढ़न,सिंगरौली। स्थानीय स्तर पर शासन के प्रतिनिधि के रूप में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता कार्य करती हैं। शासन के पास मौजूद सभी जानकारियां आंगनवाड़ी कर्मियों द्वारा एकत्रित की जाती है परन्तु 35-40 वर्ष की सेवा के बाद सेवानिवृत्ति पर आंगनवाड़ी कर्मियों को पेंशन, ग्रेज्युटी आदि का कोई लाभ नहीं दिया जाता। भारतीय श्रम सम्मेलन के 45वें सत्र द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं को कर्मचारी का दर्जा, न्यूनतम वेतन एवं सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के लाभ देने का निर्णय सर्वसम्मत से लिया गया था लेकिन सरकार इसे लागू नहीं कर रही है। इसी तरह की अनेक विषंगतियों को लेकर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता तथा सहायिकाओं द्वारा जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय में सोमवार को आंगनवाड़ी एवं सहायिका युनियन (एटक) की अगुवाई में प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने मांग किया है कि राज्य सरकार द्वारा 01 जून 2018 से मानदेव में वृद्धि कर एक वर्ष तक निरंतर भुगतान के बाद कार्यकर्ताओं के मानदेय में 1500 रूपये मिनी कार्यकताओं के मानदेय में 1250 रूपये एवं सहायिकाओं के मानदेय में 750 रूपये अनुचित कटौती को एरियर्स सहित भुगतान वापस किया जाये। सुप्रीम कोर्ट द्वारा 24 अप्रैल 2022 को किये गये निर्णय को लागू किया जाये। मानदेय को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक से जोड़कर महंगाई भत्ता प्रदान किया जाये। मोबाइल व पोषण ट्रेकर एप में हिन्दी वर्जन एवं मोबाइल चलाने हेतु पर्याप्त डाटा उपलब्ध कराया जाये। साथ ही आंगनवाड़ी कर्मियों के लिए कल्याणकारी योजनाएं बनाई जायें, जिससे आंगनवाड़ी कर्मियों एवं उनके परिवर के लिए उक्त इलाज के लिए नि:शुल्क सुविधा दी जाये। मिनी केन्द्रों को फुल केन्द्र बनाया जाये। अन्य विभागो का कार्य कराया जाता है जिसपर रोक लगायी जाये। ग्रीष्मकालीन एक माह का अवकाश प्रदान किया जाये। पर्यवेक्षक के रिक्त पदों पर 100 प्रतिशत आंगनवाडी कर्मियों से भर्ती किया जाये। इस दौरान संजय नामदेव, अरूण सिंह, रेखा तिवारी, शान्ती गुप्ता, शीला सिंह, मृदुला सिंह, सुगरानी यादव, तारा सिह सहित तमाम आंगनवाड़ी कार्यकर्ता तथा सहायिका मौजूद रहीं।