
वैढ़न,सिंगरौली। लम्बे अर्से से एनसीएल की संपदा की सुरक्षा के साथ मजाक आम बात हो चुकी है। हालांकि कंपनी सुरक्षा विभाग पर साल में करोड़ो रूपये व्यय करती है। जिसमें एनसीएल के सुरक्षा विभाग के अलावा प्राइवेट सिक्योरिटी भी तैनात की जाती है। करोड़ो रूपये खर्च के बाद खड़ा किये गये तामझाम के बावजूद चोरियों की बारंबारता थमने का नाम नहीं ले रही है। वह अनवरत, पूर्ववत अपनी गति से चल रही है। इसी तारतम्य में गत 23 फरवरी को जयंत परियोजना के कोल हैण्डलिंग प्लांट में कबाड़ चोरों ने लगभग चार लाख रूपये की कीमत के एक उपकरण की चोरी कर ली। उपकरण का नाम ब्रून्स रोटेटिंग एसेंबली बताया जाता है।
उक्त उपकरण के चोरी के वारदात की संवेदना यह है कि यह चोरी किसी बाहरी आदमी के द्वारा बिना अंद्रुनी आदमी के सहयोग से नहीं हो सकती। सूत्र बताते हैं कि कोल हैण्डलिंग प्लांट की लिफ्ट एवं सीड़ियां चढ़ने के बाद ऊपर जाया जाता है। सुरक्षा व्यवस्था की पेट्रोलिंग के बावजूद बिना मिलीभगत के क्या कोई आदमी सीएचपी में ऊपर चढ़कर उक्त एसेंबली को खोलकर हथिया सकता है? यह विचारणीय प्रश्र है। लेकिन उक्त घटना को अंजाम दे दिया गया। यह चोरी सीएचपी की पहली घटना नहीं है। इसके पहले जाने कितने रोलर, जाने कितने अन्य उपकरण, रोपवे काटकर कबाड़ियों द्वारा ले जाया गया। कितनी चोरियों की रिपोर्ट भी थाने में नहीं होती, आपस में समझ लिये जाने की भी खबर है। लेकिन उक्त चोरी की रिपोर्ट प्रबंधन द्वारा थाने में की गयी। खदानों तथा बेस वर्कशाप से स्क्रैप, डीजल तथा अन्य मशीनी उपकरणों की चोरी की खबरें अक्सर सुनी जाती रही हैं। परियोजना की सुरक्षा व्यवस्था पर्सनल विभाग के हाथों में है। परियोजना के गेट पर प्रवेश करने वाले आदमी की जांच करने में परियोजना का सुरक्षा विभाग बहुत सतर्क रहता है। काश यह सतर्कता खदानों एवं सीएचपी में रहती तो परिंदा भी पर नहीं मार सकता था।