मध्य प्रदेश

नहीं मिला शव वाहन, खाट पर शव रखकर दस किलोमीटर पैदल चले परिजन

वैढ़न,सिंगरौली। केन्द्र से लेकर प्रदेश सरकार तक हर वर्ष अरबो रूपये स्वासथ्य सेवाओं पर खर्चा करती है। जिले में विकास यात्राएं निकाली जा रहीं हैं विकास के नाम पर जमकर ढिंढोरा पीटा जा रहा है परन्तु सिंगरौली जिले के ही एक मृत आदिवासी महिला को शव वाहन उपलब्ध नहीं हो सका जिस कारण परिजन शव खाट पर लेकर दस किलोमीटर का सफर तय किये। इसके बाद भी प्रशासन की ओर से कोई सहायता नहीं मिली। आखिरकार समाजसेवी ने अपना निजी वाहन दिया। जिसके बाद शव को वाहन से घर तक पहुंचाया गया। दो महीने पहले भी ऐसा ही वीडियो सामने आया था। लगातार मामले सामने आने के बाद भी प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है।दरअसल, सीधी जिले के भुइमाड़ थाना क्षेत्र के केसलार गांव के आदिवासी परिवार की महिला शांति सिंह की तबीयत खराब हो गई थी। परिजन उसे सिंगरौली जिले के सरई थाना क्षेत्र के सरई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले आए। जहां इलाज कराने के बाद महिला के परिजन उसके नाना के यहां ले गए। गुरुवार की सुबह महिला की तबीयत अचानक बिगड़ी। कुछ देर बाद ही उसकी मौत हो गई।

आदिवासी परिवार ने बताया कि मौत के बाद हमने अस्पताल प्रबंधन से शव को घर ले जाने के लिए एम्बुलेंस की मांग की, लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने शव ले जाने के लिए एम्बुलेंस मुहैया नहीं करा सका। कई बार सरई थाना प्रभारी से भी शव वाहन के लिए परिजनों ने संपर्क किया। थाना प्रभारी ने आश्वासन दिया, लेकिन कई घंटे बीत जाने के बाद भी शव वाहन व्यवस्था नहीं करा सके। गरीब आदिवासी परिवार के पास इतने पैसे नहीं थे कि वह प्राइवेट वाहन कर शव को ले जा सके। आखिर थक हारकर मृतिका शांति सिंह के परिजनों ने खाट पर पैदल शव को घर ले जाने लगे।

सरई नगर परिषद की आबादी करीब 2 से 3 लाख की है, लेकिन यहां एक भी शव वाहन नहीं है। शव वाहन न होने से आए दिन इस तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

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