20 लाख के तालाब निर्माण में जोरो से चल रहा है लीपापोती का खेल ग्रामीणों ने करी जांच की मांग
मामला जनपद पंचायत सीधी के कोचिला ग्राम पंचायत का

Ranu pandey
सीधी.जिले में जल संरक्षण के नाम पर कागज में भले ही अनेको योजनाएं संचालित है लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि जिम्मेदार अमला इस योजना को दुधारू गाय समझ रखा है। वाटरशेड योजनान्तर्गत जनपद पंचायत सीधी के ग्राम पंचायत कोचिला में तालाब निर्माण के नाम पर व्यापक पैमाने पर धांधली का मामला प्रकाश में आया है जहां गहरीकरण से लेकर तालाब निर्माण तक के कार्यो में मनमानी की जा रही है। उल्लेखनीय है कि भारत सरकार व राज्य सरकार जल संरक्षण को लेकर तमाम योजनाएं संचालित कर रखी है लेकिन इन योजनाओं को अमली जामा पहनाने वाले जिम्मेदार भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबे हुए है यह कोई पहला मामला नही है जिले में वाटर शेड योजना हो या फिर मनरेगा के तहत चल रहे निर्माण कार्य हो सभी जगह कागजों में विकास की गंगा बहाई जा रही है। हैरानी की बात यह है कि मनरेगा योजना एवं वाटर शेड द्वारा कराये जा रहे घटिया निर्माण कार्यो की धांधली को लेकर समय-समय पर जिले के जागरूक समाजसेवियों के साथ-साथ मीडिया की सुर्खियों में यह बात बनी रहती है बावजूद इसके जिले के जिम्मेदार जनप्रतिनिधि व अधिकारी भ्रष्टाचार को खुली छूट देने के लिए जानबूझकर अजांन बने हुए है।
तालाब निर्माण में जमकर गोलमाल
जनपद पंचायत सीधी के ग्राम पंचायत कोचिला में वाटरशेड योजना से वन रहे तालाब निर्माण में जमकर गोलमाल किया जा रहा है। जानकारों की माने तो यहां तालाब निर्माण के नाम पर चारो तरफ मेढ़ बांध दी गई है लेकिन गहरीकरण का कार्य नही किया गया है जिससे यह साफ दिखाई दे रहा है कि यहां पानी संचय हो पाना संभव नही है।
डबरी में भी जमकर गड़बड़झाला
बताया जा रहा है कि इसी पंचायत में 5 से 6 डबरी निर्माण का कार्य कराया जा रहा है जहां डबरी निर्माण के लिए निर्धारित मापदण्डों के अनुसार तीन मीटर गहरीकरण किया जाना है लेकिन यहां एक मीटर के भीतर ही सारा खेल समाप्त हो रहा है। सूत्रों की माने तो डबरी निर्माण में जमकर धांधली की गई है बावजूद इसके साईड इंजीनियर द्वारा पंचायत के सरपंच-सचिवों से सांठ-गांठ जमाकर राशि आहरित कर ली गई है।
स्थानीय लोगों को नहीं मिला रोजगार
ग्राम पंचायत कोचिला में डबरी सहित तालाब निर्माण कार्य को लेकर स्थानीय मजदूरों ने रोजगार की मांग की तो उन्हे केन्द्र सरकार की योजना का हवाला देकर रोजगार नही दिया गया। उन्हे जिम्मेदारों द्वारा यह कहकर कार्य करने से मना कर दिया गया कि यह योजना केन्द्र सरकार की है जिसका जेसीबी के माध्यम से कार्य कराये जायेगें। हैरानी की बात यह है कि सरकार की हर निर्माण योजना में स्थानीय मजदूरों को रोजगार देने की बात कही जाती है वहीं यहां सरकारी तंत्र ही रोजगार देने से मना कर रहा है।
सीएम हेल्पलाईन भी नहीं आई काम
तालाब एवं डबरी निर्माण के नाम पर किये जा रहे भ्रष्टाचार को लेकर स्थानीय ग्रामीणों द्वारा सीएम हेल्पलाईन में शिकायत दर्ज कराई गई थी लेकिन चतुर सरकारी अमले के चलते सीएम हेल्पलाईन योजना से भी लोगों को राहत नही मिली। बताया गया है कि ग्राम पंचायत में चल रहे निर्माण कार्य में रोजगार की मांग करने पहुंचे मजदूरों को जब रोजगार नही मिला तो उनके द्वारा सीएम हेल्पलाईन में शिकायत की गई यहां झूंठी जानकारी दर्ज कर शिकायत का पटाक्षेप कर दिया गया है। जबकि हकीकत यह है कि आज भी इस क्षेत्र के मजदूरों को रोजगार के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है।