लाड़ली बहना तेरी अजब कहानी न बैठने को जगह, न पीने को पानी
केंद्रों में मूलभूत सुविधाएं लापता, आधार कार्ड मे सर्वाधिक गड़बड़ी, समग्र आईडी भी लिंक नहीं

रानू पांडेय
सीधी.
लाड़ली बहना तेरी अजब कहानी…न बैठने को कुर्सी है न पीने को पानी…ये पंक्तियां उन महिलाओं के लिए है जो मुख्यमंत्री के द्वारा प्रारंभ की गई लाड़ली बहना योजना का लाभ पाने के लिए प्रयासरत हैं।शहर के कुछ केंद्रो की पड़ताल की तो महिलाओं की हलाकान-परेशान,परेशानी पर बल लिए तस्वीरे सामने आई।किसी को गोद मे दुधमुंहा बच्चा रो रहा था तो कोई कतार मे घंटों के इंतजार के बाद थककर जमीन पर बैठने के लिए मजबूर हो गई।इसके पहले ये महिलाएं शहर के बैकों मे परेशान हो चुकी है।वही से इन्हें पता चला कि आधार कार्ड मे कर्ई तरह की गड़बड़ियां है।
ये गड़बड़ियां ज्यादा सामने आ रही:-
आधार कार्ड में नाम पता मोबाइल नबंर जन्मतिथि के साथ समग्र आईडी आधार से लिंक न होने की गड़बड़ियां है।
नहीं बढ़ी मशीनें:-
आधार केंद्रो मे महिलाओं के साथ बड़ी संख्या मे बच्चे भी आ रहे हैं।लंबी कतार के कारण बच्चे भी परेशान दिखे।वे महिलाएं सबसे ज्यादा परेशान थी जिनकी गोद मे छोटे बच्चे थे।यहां के जिम्मेदार अधिकारियों ने इन महिलाओं की सुविधा के लिए कोई इंतजाम नहीं किए।
आधार केंद्रो मे ऐसे हालात:-
महिलाओं की भीड़ आधार केंद्र से लेकर पोस्ट आफिस के बाहर सड़क तक थी।यहां इनके लिए बैठने की व्यवस्था नहीं की गई।कर्ई बुजुर्ग महिलाएं आधार मे सुधार कराने आई थी।वे इधर-उधर जमीन पर बैठी हुई थी।यहां पर न पेयजल, न टायलेट, न ही बैठने की व्यवस्था की गई है।लाडली बहना योजना मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी योजनाओं मे से एक है।इसके बाद भी जिम्मेदार अधिकारी घोर लापरवाही कर रहे हैं।
:- शहर के कुछ बैकों मे आधार सेंटर संचालित किए जा रहे है, जहां महिलाओं की भीड लगी थी।यहां भी जिम्मेदारों ने मशीनों की संख्या नहीं बढ़ाई।यहां एक मशीन है।उसी से आधार अपडेट किया जा रहा है।महिलाओं के लिए इस केंद्र मे भी मूलभूत सुविधाओं का इंतजाम नहीं किया है।
:- एक हजार की योजना के लिए महिलाओं की भीड़ आ रही है।न बैठने की व्यवस्था है न ही पेयजल का इंतजाम किया गया है।महिलाओं ने बताया कि वे 10 बजे से आई है।एक आधार बनाने में काफी समय लगा रहे हैं।आधार कार्ड मे जानबूझकर गलती की गई हैं।