ट्रामा सेंटर के पास सिविक सेंटर के निर्माण पर रोक लगाने हेतु दर्जन भर पार्षदों ने महापौर व पीठासीन अधिकारी को दिया पत्र
कहा-ट्रामा सेंटर के पास सिविक सेंटर बनने से होगा ध्वनि प्रदूषण

वैढ़न,सिंगरौली। नगर पालिक निगम सिंगरौली वार्ड न. 42 में ट्रामा सेंटर के पास 15 एकड़ भूमि पर सिविक सेंटर के अंतर्गत 3000 सीटर ऑडिटोरियम ,स्विमिंग पूल, खेल मैदान के साथ-साथ 160 दुकानों का निर्माण हेतु टेंडर प्रस्तावित किया गया है। उक्त निर्माण कार्य के विरोध में आज दर्जनभर पार्षदो ने महापौर, पीठासीन अधिकारी व नगर निगम आयुक्त को एक पत्र सौंपकर उक्त निर्माण कार्य पर रोक लगाने की मांग की।
पार्षदों का कहना था कि उक्त स्थान पर विकास कार्य जैसे केवल व्यवसायिक रूप से उपयोग हेतु भूमि एनसीएल द्वारा शर्तों के तहत प्रदान किया गया है जबकि प्राप्त जानकारी के अनुसार भारत सरकार कोयला मंत्रालय के द्वारा नगर पालिक निगम सिंगरौली के मूलभूत आवश्यकताओं के लिए 24.65 एकड़ भूमि स्थानांतरित की गई है उक्त भूमि में से 6 एकड़ भूमि पर ट्रामा सेंटर एवं 3 एकड़ भूमि पर कन्या महाविद्यालय का निर्माण हो चुका है सिर्फ 15.65 एकड़ भूमि पर सिविक सेंटर जिसमें 3000 सीटर ऑडिटोरियम, स्विमिंग पूल,खेल मैदान एवं व्यवसाय की दुकानों का निर्माण का प्रस्ताव परिषद के समक्ष प्रस्तुत हुआ है यहां पर ध्यान आकृष्ट करने योग्य बात यह है कि जिला चिकित्सालय सह ट्रामा सेंटर उक्त भूमि से सटी हुई भूमि है जोकि ध्वनि प्रदूषण नियम 2000 के तहत साइलेंट जोन में आता है ऐसी परिस्थितियों में सिविक सेंटर बनाया जाना उचित व जनहित में नहीं है क्योंकि जिला अस्पताल में हदयरोगी, उच्च रक्तचाप, कान संबंधी रोगी आदि अन्य प्रकार के बीमारियों से पीड़ित मरिज अपने इलाज करवा रहे हैं जिन्हें ध्वनि प्रदूषण से समस्या हो सकती है और मरीजों के लिए ध्वनि प्रदूषण खतरनाक व जानलेवा भी हो सकता है क्योंकि साइलेंट जोन में ध्वनि प्रदूषण निर्धारित मापदंडों के अनुसार उपयोग किया जाता है सिविक सेंटर बनाए जाने उपरांत ध्वनि प्रदूषण निर्धारित मापदंडों के अनुसार अधिक होगा जोकि जिला अस्पताल सह-ट्रामा सेंटर में उपचार करवा रहे मरीजों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा ऐसी स्थिति में सिविक सेंटर का निर्माण कराया जाना जनहित में नहीं है।
पार्षदों ने कहा कि विशेषज्ञों के अनुसार जिला चिकित्सालय सह-ट्रामा सेंटर जिसका भविष्य में उन्नयन 400 वेड के चिकित्सालय के रूप में विकसित किया जाना है चूँकि चिकित्सालय, विद्यालय महाविद्यालय आदि स्थानों में ध्वनि विस्तारक यंत्र प्रतिबंधित होते हैं ऐसी स्थिति में प्रस्तावित सिविक सेंटर का स्थान जहां से सटे हुआ कन्या महाविद्यालय, जिला चिकित्सालय सह-ट्रामा सेंटर एवं 500 मीटर की दूरी पर संत जोसेफ कॉन्वेंट स्कूल स्थित है जिसके आस-पास ऑडिटोरियम, ओपेन एमपी थिएटर,खेल का मैदान ,हाट-बाजार जैसे शोरगुल उत्पन्न करने वाले क्रियाकलाप प्रतिबंधित होते हैं। स्पष्ट तौर पर ध्वनि प्रदूषण (विनिमय और नियंत्रण) नियम 2000 के नियम 3 का उप नियम 5 में साइलेंस जोन को परिभाषित करता है जिसके अंतर्गत अस्पतालों शैक्षिक संस्थानों और अदालतों के आसपास 100 मीटर से कम नहीं होने वाले को साइलेंस जोन घोषित किया जा सकता है ऐसी स्थिति में उक्त भूमि पर सिविक सेंटर निर्माण किया जाना समाज हित में नहीं होगा जिसे निरस्त कर अन्य स्थान पर बनाया जाना उचित होगा। वहीं निगम द्वारा जिस स्थान पर ऑडिटोरियम का निर्माण प्रस्तावित किया गया है स्थल से लगभग 200 मीटर की दूरी पर जन सुविधा युक्त दो मंजिला अटल समुदायिक भवन स्थित है जिसका निर्माण लगभग 5 वर्ष पूर्व ही हुआ है तथा 500 मीटर की दूरी पर राजमाता चुन कुमारी स्टेडियम एवं लगभग 700 मीटर की दूरी पर रामलीला मैदान स्थित है जिसके कारण शहर के बीचो-बीच बहुमूल्य भूमि पर ऑडिटोरियम और खेल मैदान के निर्माण हेतु बर्बाद किया जाना निगम के हित व जनहित में नहीं है।निगम के 3 व्यवसायिक कम्पलेक्स 1.गनियारी प्लाजा 2.ट्रांसपोर्ट नगर 3. माजनकला तालाब की दुकानें विक्रय हेतु शेष है जिसे किसी व्यक्ति द्वारा क्रय नहीं किया जा रहा है ऐसी स्थिति में 160 व्यवसायिक दुकानों को पुन: निर्माण कराया जाना शासन के राजस्व का दुरुपयोग किया जाना प्रतीत होगा जोकि निगम हित व जनहित में नहीं है। पार्षदों ने उक्त स्थान पर आवासीय सह-व्यवसायिक योजना के अंतर्गत भूखंड विकसित कराए जाने की स्थिति प्रदान की जाने की मांग की है। इस दौरान पार्षद पिंकी सिंह, वार्ड क्रमांक १, श्यामा देवी वार्ड क्रमांक ५, अन्जना शाह वार्ड क्रमांक ४, रामनरेश शाह वार्ड क्रमांक २७, पार्षद ७,अनिल वैश्य पार्षद ३८, नीलम गुप्ता वार्ड क्रमांक ८, रवन्द्रि सिंह वार्ड ३५, प्रेम सागर मिश्रा वार्ड ३६, रामगोपाल पाल ४२, शेखर सिंह वार्ड ९ शामिल रहे।