मध्य प्रदेश

पनाह पा रहे हैं जरायम पेशाधारक

 

वैढ़न,सिंगरौली। तरह तरह के जरायम पेशों के मामले में नवानगर थाना पुलिस आजकल सुर्खियों में है। ओवरलोड कोयले की गाड़ियों पर कमीशनखोरी का मामला हो, अवैध शराब बिक्री के दर्जनों ठिकानों का मामला हो, अवैध लाल ईट भ_ों के संरक्षण का मामला हो या ओवर वर्डेन से निकले रेत और पत्थर की ढुलाई का मामला हो, नवानगर की पुलिस के दोनों हाथों में लड्डू ही लड्डू है।

विश्वस्त सूत्रों की मानें तो नवानगर क्षेत्र में गत छ: महीनों से अवैध रेत तथा पत्थर के ढोंकों के परिवहन में बाढ़ आ गयी है। तकरीबन तीन दर्जन टै्रक्टर इस काम में लगे हुये हैं। बताते हैं कि ओबी प्रोडक्शन के बाद ओबी के पहाड़ों से जो पत्थर और बालू नीचे आता है उसे ट्रैक्टरों में भरकर स्थानीय क्षेत्रों में आपूर्ति हेतु परिवहन किया जाता है जोकि पूर्णत: अवैध है। सूत्रों की हकीकत को माने तो नवानगर पुलिस द्वारा इस अवैध धन्धे को संरक्षण देने की एवज में प्रति ट्रैक्टर दस हजार प्रतिमाह वसूला जाता है। इस काम में बकायदे पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है। इसके अतिरिक्त पूरे नवानगर क्षेत्र में लाल ईंटे के अवैध भ_े की संख्या पचास से ऊपर बतायी जाती है। ऐ ईंटे भी इन्ही ट्रैक्टरों से परिवहन होते हैं। इन्हें भी उपरोक्त सुविधा शुल्क प्रतिमाह देना होता है। ईंटा भ_ा धारकों को भ_ा लगाने व ईंटा बनाने की एवज में सीजन की भारी भरकम राशि भी पुलिस को अदा करनी पड़ती है।

बताते चलेंकि तकरीबन पचास ईंटा भ_ों को ईंटा बनाने के लिए कोयले की जरूरत पड़ती है। यह कोयला भी खदानों से चोरी होकर लाया जाता है। पुलिस इसपर भी सुविधा शुल्क वसूल करती है। खनिज विभाग द्वारा पिछले दिनों अमलोरी महुआ मोड़ के पास ईंटा भ_ा संचालकों द्वारा चोरी के कोयले का भण्डारण किया गया था। भण्डारण पर कार्यवाही की गयी थी। खनिज विभाग द्वारा कोयले को जप्त किया गया था। चौकाने वाली बात यह है कि नवानगर थाना क्षेत्र में कोयले का भण्डारण हो रहा है और पुलिस को इसकी खबर नहीं है, यदि खबर है तो चोरी के कोयले के संरक्षण में पुलिस की भागेदारी भी चिंता का विषय है।

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