मध्य प्रदेश

ओंकारेश्वर बांध से अचानक छोड़ा पानी, नर्मदा नदी के बीच चट्टान पर फंसे श्रद्धालु

ओंकारेश्वर (खंडवा). मध्य प्रदेश के ओंकारेश्वर में रविवार सुबह करीब नौ बजे नागर घाट के पास अचानक नर्मदा का जलस्तर बढऩे से वहां स्नान कर रहे लोगों में खलबली मच गई. एनएचडीसी द्वारा बिजली उत्पादन के लिए टरबाइन शुरू करने से नर्मदा का जलस्तर बढऩे लगा.

पानी बढ़ता देख लोग घाट की तरफ भागे, इस दौरान नदी के बीच नहा रहे 10 से 12 युवक बाहर आने की बजाय चट्टान पर खड़े हो गए. इसके बाद तेजी से नर्मदा का जलस्तर बढऩे पर वे वही फंस गए. तत्काल नाविकों और गोताखोरों ने वहां पहुंच कर उनकी मदद की. सूचना मिलते ही मांधाता थाना प्रभारी बलजीतसिंह बिसेन और तहसीलदार उदय मंडलोई ने चट्टान पर फंसे युवकों का रेस्क्यू करवाया.

महाराष्ट्र और इंदौर के युवक

युवकों में छह युवक महाराष्ट्र और पांच युवक इंदौर के बताए जा रहे हैं. सभी को सुरक्षित निकाल लिया गया है. नर्मदा का जलस्तर अचानक बढऩे से वहां शोर-शराबा और अफरातफरी मच गई. करीब 20 मिनट तक युवक चट्टान पर फंसे रहे. मांधाता थाना प्रभारी बिसेन ने बताया कि एनएचडीसी द्वारा प्रतिदिन बिजली उत्पादन के लिए टरबाइन चलाकर पानी छोड़ा जाता है. इससे एक निर्धारित सीमा तक नर्मदा का जलस्तर बढ़ता है. टरबाइन शुरू होने के पूर्व सायरन बजाया गया, लेकिन युवकों ने ध्यान नहीं दिया. नागर घाट के नीचे चट्टान पर फंसे सभी युवकों को नाविकों की मदद से रेस्क्यू कर सुरक्षित निकाल लिया है. किसी ने कोई शिकायत दर्ज नहीं करवाई है.

अलर्ट करने के लिए सायरन बजाया गया

कलेक्टर अनूप कुमार सिंह ने कहा की रोज की तरह एनएचडीसी द्वारा बिजली उत्पादन के लिए तीन से चार चार टरबाइन सुबह शुरू की गई थी, इससे पूर्व लोगों को अलर्ट करने के लिए सायरन बजाया गया. नर्मदा में नहाने वालों को पानी से बाहर आने के लिए लोगों ने कहा, लेकिन कुछ युवक नहीं माने. घाट पर मौजूद होमगार्ड के जवानों और नाविकों ने उन्हें पानी से बाहर निकाल लिया. कलेक्टर सिंह ने कहा कि टरबाइन से पानी छोडऩे पर लेवल धीरे-धीरे बढ़ता है. अचानक पानी बढऩे जैसी कोई बात नहीं है.

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