प्रजातंत्र पर राजतंत्र हावी

काल चिंतन कार्यालय
वैढ़न,सिंगरौली। प्रजातंत्र को देश में लागू हुये लगभग ७५ साल बीत गये लेकिन देश के कई ग्रामीण अंचलों में आज भी राजतंत्र प्रजातंत्र पर हावी है। उदाहरण के रूप में सिंगरौली जिले की फुटहरवा ग्रामीण पंचायत को देखा जा सकता है। यहां पर गरीब ग्रामीणों की बात नहीं सुनी जाती है और दबंगई के साथ राजतंत्र सिर चढ़कर बोल रहा है।
फुटहरवा ग्राम पंचायत में सरपंच श्री राजेन्द्र सिंह चन्देल सब पर भारी हैं। पूरा चितरंगी प्रशासन इनके आगे नतमस्तक पाया जा रहा है। इस संबंध में ग्राम पंचायत के एक गांव भुइधरवा के राम लखन विश्वकर्मा बताते हैं कि यहां किसी की नहीं चलती है। ग्राम पंचायत के सरपंच सब पर भारी हैं। गांव में अभी तक बिजली नहीं आयी है। नौडिहवा से लेकर भुइधरवा तक जो रोड है वह पत्थरों से पटी पड़ी है। तीन-तीन पहाड़ों को पार करके नौडिहवा से यहां तक तथा यहां से नौडिहवा तक पहुंचते हैं। यह सड़क दो ग्राम पंचायतों के बीच फंसी है। यह वर्षों से इसी हालत में है। दोनो पंचायत इसे बनवाना नहीं चाहती हंै। यदि बन जाये तो ग्रामीणों का आवागमन आसान हो सकता है। जिला मुख्यालय तक पहुंचने के लिए यह सड़क अहम स्थान रखती है।
ग्राम पंचायत फुटहरवा के मार्फत कोई भी सरकारी सुविधा चाहे वो पेंशन हो, चाहे अन्य सुविधाएं हों वो पंचायत के ग्रामों तक सहजता से नहीं पहुंच पाती हैं क्योंकि वह ‘सरकारÓ से होकर गुजरती है। भुइधरवा गांव में लगभग तीन सौ मतदाता बताये जाते हैं। जोकि वयस्क होते हुये भी समान नागरिक संहिता के अधिकारों से वंचित हैं।
बड़ी हैरतंगेज एक कहानी है ग्राम भुइधरवा की, बताते हंै कि ग्राम भुइधरवा के रामलखन विश्वकर्मा की बहू राजकुमारी जोकि जलकर मरी थी। उसके नाम से सरकार की सौहार्द राशि चार लाख रूपये बनकर आयी, लेकिन वह हितग्राही को नहीं मिली। इतना ही नहीं राजकुमारी के एक उपनाम के नाम से दुबारा चार लाख की राशि आयी वह भी हितग्राहियों का नहीं प्राप्त हुयी। जबकि हितग्राहियों ने पूछा की यह राशि हमें क्यों नहीं मिली? तब पंचायत के सरपंच ने कहा कि तुम लोगों के ऊपर एफआईआर है इसलिए तुम्हें यह राशि नहीं मिली। यह भौसाखाता एक आदमी का ही नहीं है। इसके जद में सैकड़ो ऐसे गरीब हैं जो ग्राम पंचायत फुटहरवा के राजतंत्र से पीड़ित होकर कहीं के नहीं रहे।
ग्राम पंचायत फुटहरवा के शोषण की फेहरिस्त यहीं खत्म नहीं हो जाती। बताते हैं कि जब उनके ग्राम पंचायत के किसी भी ग्राम के किसी भी समस्या की रिपोर्ट ग्राम बगदरा या अन्य चौकी पुलिस चौकी क्षेत्र में होती है तो रिपोर्ट लिखने से पहले संबंधित पुलिसकर्मी ‘सरकार Óसे फोन करके रिपोर्ट लिखने की पूर्व अनुमति लेते हैं तब जाकर कोई विभाग की कलम संचालित होती है।
ग्राम पंचायत फुटहरवा जैसी अनेक ग्राम पंचायतें सिंगरौली जिले में हैं जहां के सरपंच या सरपंच के नाम पर पंचायत चलाने वाले लोगों का कहर आदिवासी गरीबों के ऊपर बरस रहा है। चितरंगी प्रशासन ही नहीं जिला प्रशासन भी इस सत्य को जानते हुये भी नतमस्तक है।