
आर.के.श्रीवास्तव
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काल चिन्तन,सिंगरौली। जिले में सफाई के नाम पर करोड़ो रूपये का ठेका हुआ है लेकिन पूरा शहर जगह-जगह कूड़ा कर्कटों से पटा हुआ है। मलेरिया तथा वायरल फीवर इन्हीं कूड़ा कर्कटों के सडांधों से पैदा हो रहे हैं। सफाई के नाम पर बंदरबांट अब पब्लिक को असह्य हो गया है।
नगर निगम में नये कमिश्रर आये, लोगों की आशाएं बंधी की अब थोड़ा क्रियाकलापों में परिवर्तन होगा लेकिन अभी भी ढांक के तीन पात, सिंगरौली शहर में सफाई और स्वास्थ्य के मामले में नगर निगम प्रशासन एकदम गंभीर नहीं है। ऐसे लोगों को सफाई की जिम्मेदारी दी गयी है जो वर्षों से पदस्थ हैं और प्रशासन के किसी को भी बाल भर नहीं भंजते। यहां तक की प्रभारी मंत्री का भी प्रकोप इनपर नहीं पड़ता है। यही कारण है कि शहर में करोड़ो का ठेका होने के बावजूद सफाई व्यवस्था अभी भी पटरी पर नहीं है।
नगर निगम की परिषद की बैठक होती है यहां पार्षदों द्वारा सवाल भी उठाये जाते हैं। बुनियादी सवालों पर नगर निगम प्रशासन के नुमाइंदों का जवाब गोलमोल होता है। जब पार्षद फाईल मंगाने की बात करते हैं तो वह फाईल परिषद के बैठक में पुटअप नहीं की जाती है और फिर ढर्रा उसी तरह से चलने लगता है। पब्लिक के पैसे पर, जनता के टैक्स पर पलने वाला नगर निगम जनता की जरूरतों के प्रति इतना उदासीन होगा यह तथ्य अकल्पनीय है लेकिन यहां सच होकर दिख रहा है। प्रजातंत्र की परिभाषा ही यही है। जनता के द्वारा जनता के लिए चुने हुये जनप्रतिनिधि जनता की भलाई के लिए उन्मत्त होते हैं। यहां उन्मत्त होने की बात कहीं नहीं है सब मुद्दों का राजनीतिकरण हो गया है।
नगर निगम में आम आदमी पार्टी की महापौर हैं परिषद की बैठकों में सिर्फ महापौर को घेरने के लिए योजना बनायी जाती है। जनता के भले को हासिए पर रखकर भारतीय जनता पार्टी के चुने हुये लोग राजनीतिक रोटियां सेंकते हैं। भाजपा के विधायक भी परिषद की बैठकों में आते हैं यहां क्या काम हैं उनका? कोई किसी से पूछे विधायक यहां बैठकर क्य करते हैं? श्री रामलल्लू वैश्य विधानसभा सिंगरौली के विधायक हैं और शहर की दशा चिंतनीय है इससे बड़ी चुनौती विधानसभा सिंगरौली विधायक के सामने क्या हो सकती है? महापौर को नीचा दिखाकर भारतीय जनता पार्टी के पार्षद क्या प्रदर्शन करना चाहते हैं। कांग्रेस के पार्षदों की चुप्पी जनता के भले में नहीं है। मजे की बात यह है की जब भाजपा के पार्षद फाईलों को मंगाने की बात करते हैं तो फाइलें नहीं आती है। पिछली बैठक में पता चला कि मलेरिया उन्मूलन के लिए धुआं छोड़ने वाले वाहन आये जरूर लेकिन वे क्रियाशील नहीं हैं। इन वाहनों का क्या काम था नगर निगम सिंगरौली में? जब वाहन प्रभारी को बुलाने की बात हुयी तो जवाब वी.पी. उपाध्याय दे रहे हैं। यानी वाहन प्रभारी नदारत हैं। जनता के साथ साजिश कितने दिन चलेगी? एक दिन तो आयेगा की जनता सड़क पर उतरकर नगर निगम के कुत्सित कार्यकलापों का भांडाफोड़ करेगी उस समय न तो भाजपा के पार्षदों के पास जवाब होगा और ना ही विधानसभा सिंगरौली के विधायक के पास समुचित उत्तर होगा।