मध्य प्रदेश

वाहनों मे निर्धारित मापदण्ड के विपरीत नंबंर प्लेट और सायरन, हूटर पाये जाने पर की जायेगी कार्यवाही

पुलिस अधीक्षक ने दिया अल्टीमेटम, 07 दिवस के अंदर वाहनों को कराये दुरूस्त

वैढ़न,सिंगरौली। पुलिस अधीक्षक जिला सिंगरौली श्री मो. यूसुफ कुरैशी द्वारा बताया गया कि जिले में भ्रमण के दौरान देखा गया है कि वाहनों में निर्धारित नंबंर प्लेट का उपयोग नही किया जा रहा है साथ ही विभिन्न वाहनों में अनाधिकृत रूप से हूटर तथा दो पहिया में मोडिफाईड सलेंसर लगाये गये है, जो वैधानिक नही है। पुलिस अधीक्षक द्वारा इस संबंध में निरीक्षक आर.पी. मिश्रा थाना प्रभारी यातायात के साथ-साथ जिले के समस्त थाना प्रभारियों को यह निर्देशित किया गया है कि जिले में अवैध नंबंर प्लेट एवं अनाधिकृत रूप से वाहनो मे लगे हूटर एवं मोडीफाईड सलेंसर सही करवाने हेतु 07 दिवस का समय निर्धारित किया जाकर वाहनो को दुरूस्त कराया जाावे। इसके बावजूद भी ऐसे वाहन पाये जाते है तो उनके विरूद्ध शख्त चालानी कार्यवाही सुनिश्चित की जावे।

सायरन हूटर का गलत इस्तेमाल: तेजी से आती हुटर या सायरन की आवाज़ आपको एकदम चौंकना कर देती है। मगर जब देखते हैं कि कुछ लोग टशन के लिए इनका गलत इस्तेमाल कर रहे हैं तो बड़ी परेशानी होती है। ऐसा शहर के करीब हर हिस्से में हो रहा है। शहर की सड़कों पर दौड़ते वाहनों में लगे प्रेशर हॉर्न, हूटर और सायरन लोगों के लिए परेशानी बन गए हैं। पुलिस अधीक्षक द्वारा यह भी बताया गया कि हूटर और सायरन का इस्तेमाल इमरजेंसी में फायर ब्रिगेड की गाड़ी और एम्बुलेंस ही कर सकते हैं। इन्हें भी हर समय सायरन और हूटर बजाने का अधिकार नहीं है। एम्बुलेंस में मरीज होने पर ही सायरन और हूटर बजाया जा सकता है। इसके अलावा आग की सूचना पर जाते समय ही फायर ब्रिगेड की गाड़ी में सायरन और हूटर का प्रयोग हो सकता है।

मॉडिफाइड सलेसंर : शहर में मॉडिफाइड बाइक लोगों के सिरदर्द बनी हुई हैं। इस प्रकार के मॉडिफाइड वाहनों से तेज धुएं के साथ फटाखे जैसी ध्वनि निकलती है। यह आवाज एक किमी दूर तक जाती है। तेज़ आवाज के कारण आम नागरिको को दिक्कत होती है तथा बीमार मरीज के लिये जानलेवा भी साबित हो सकती है। इसके साथ ही पढ़ाई या ऑफिस का काम कर रहें लोग बार-बार डिस्टर्ब होते हैं। खासकर मार्केट या सड़क के बगल रहने वाले लोगों को इसकी सबसे ज्यादा समस्या होती है।

नियम अनुरूप नंबंर प्लेट का उपयोग: मोटर व्हीकल एक्ट लागू होने के बाद ट्रैफिक के नियम काफी सख्त हो गए हैं. नए एक्ट में ट्रैफिक के नियमों का उल्लंघन करने पर भारी भरकम जुर्माना लगाया जा रहा है. इसलिए आपको ट्रैफिक नियमों की पूरी जानकारी होना जरूरी है. नंबर प्लेट को लेकर भी नियम कायदे हैं, जिनके बारे में जानना जरूरी है। ट्रैफिक रूल्स के मुताबिक नंबर प्लेट पर रोमन या अरेबिक फॉन्ट में ही नंबर लिखवा सकते हैं. नंबर साफ-साफ और स्पष्ट लिखा होना चाहिए ताकि वो दूर से ही नजर आए. किसी भी दूसरे फॉन्ट से आड़े-तिरछे नंबर लिखवाना गैरकानूनी है. स्टायलिश फॉन्ट का इस्तेमाल भी नहीं करना चाहिए. मोटर व्हीकल एक्ट के नियम नंबर 50 और 51 में इस बारे में जानकारी दी गई है.

गाड़ियों के नंबर प्लेट लगाये जाने के नियम: बाइक और कार के साथ दूसरी गाड़ियों के नंबर प्लेट को लेकर खास नियम हैं. इसमें 70 सीसी से नीचे की बाइक के नंबर प्लेट में फॉन्ट की लंबाई 15 एमएम, चौड़ाई 2.5 एमएम और नंबर या अक्षर के बीच में 2.5 एमएम की खाली जगह होनी चाहिए. अगर 70 सीसी से ज्यादा की बाइक या थ्री व्हीलर होता है तो नंबर वाले फॉन्ट की लंबाई 30 एमएम, चौड़ाई 5 एमएम और नंबर या अक्षर के बीच 5 एमएम का गैप होना चाहिए। 500 सीसी के नीचे की बाइक या थ्री व्हीलर में नंबर के फॉन्ट की लंबाई 35 एमएम, चौड़ाई 7 एमएम और दो नंबर या अक्षर के बीच 5 एमएम का गैप होना चाहिए. 500 सीसी के ऊपर के सभी बाइक और कार की नंबर प्लेट में नंबर की लंबाई 65 एमएम, चौड़ाई 10 एमएम और नंबर या अक्षर के बीच 10 एमएम का गैप होना चाहिए.

नंबर प्लेट के कलर को लेकर भी नियम हैं. इन नियमों से व्हीकल के प्राइवेट या कमर्शियल होने की जानकारी मिलती है. मसलन प्राइवेट व्हीकल के नंबर प्लेट का बैकग्राउंड सफेद और उस पर ब्लैक कलर से नंबर लिखे होने चाहिए. एक या दो लाइन में नंबर लिखवा सकते हैं। उसी तरह से कमर्शियल वाहनों के लिए पीले बैकग्राउंड में ब्लैक कलर से नंबर लिखवाना चाहिए. अगर नंबर प्लेट का बैकग्राउंड पीला और उस पर लाल रंग से नंबर लिखे हों तो इसका मतलब है कि ये गाड़ी का टेम्पररी रजिस्ट्रेशन है. ट्रेड सर्टिफाइड वाहनों में लाल रंग के बैकग्राउंड में सफेद रंग से नंबर लिखे जाते हैं।

इनके विरूद्ध भी की जायेगी कार्यवाही: नियम विरूद्ध वाहनो में नंबंर प्लेट/हूटर/सायरन/सायलेंसर/लाईट इत्यादि लगाने वाले वाहन मालिको के साथ-साथ संबंधित फर्म/दुकानदार के विरूद्ध भी वैधानिक कार्यवाही की जायेगी। जिले के समस्त शहर वासियों (सभी वाहन मालिको) से यह अपील है कि उपरोक्तानुसार नियमो के अनुरूप 07 दिवस के अंदर अपने वालनो को दुरूस्त करा लिया जावे ताकि किसी प्रकार की परेशान का सामना न करना पडे।

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