मध्य प्रदेश

हमने जो देखे सपने, सच हो रहे है वो अपने

जेम प्रथम बैच, 2018 की बालिकाओं के सपनों को लग रहे है पंख ,सभी 10 बालिकाओं नें प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की 10वीं बोर्ड परीक्षा

वैढ़न,सिंगरौली। एनटीपीसी विंध्याचल के बालिका सशक्तिकरण अभियान की बालिकाएँ अपनी प्रतिभा और हुनर से अपने सपनों में पंख लगाते हुये उन्हें साकार करने का प्रयास कर रही है। बालिकाओं द्वारा जो सपने देखे गए थे वे धीरे-धीरे धरातल पर उतरते नजर आ रहे है। ऐसा एनटीपीसी विंध्याचल प्रबंधन, सुहासिनी संघ की सदस्याओं के दुलार एवं विद्यालयीन शिक्षकों के मार्गदर्शन से संभव हो पा रहा है। विंध्याचल के बालिका सशक्तिकरण अभियान 2018 के प्रथम बैच की चयनित 10 बालिकाएँ जिन्हें प्रबंधन द्वारा परियोजना के डीपीएस एवं डी-पॉल विद्यालय में प्रवेश दिलवाया था। इस वर्ष कक्षा 10वीं की सीबीएससी बोर्ड परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण कर अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित किया है।
बालिका सशक्तिकरण अभियान एनटीपीसी विंध्याचल का पायलेट प्रोजेक्ट है जो वर्ष 2018 में एनटीपीसी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक माननीय गुरदीप सिंह की सोच पर आधारित है। माननीय सीएमडी की सोच थी कि एनटीपीसी ग्रामीण बालिकाओं को सशक्त बनाने के उदेश्य से सार्थक कार्य करें , जिससे ग्रामीण बालिकाएँ सशक्त हो कर अपने सपनों को साकार कर सकें और अपने क्षेत्र में समाज में रोल मॉडेल बनकर लोगों को जागरूक कर सकें। माननीय सीएमडी की इसी सोच को सार्थक करने के लिए एनटीपीसी विंध्याचल नें वर्ष 2018 में बालिका सशक्तिकरण अभियान जेम को पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में प्रारम्भ किया जिसमें परियोजना के आस-पास के शासकीय विद्यालयों की पाँचवी पास 120 ग्रामीण बालिकाओं का चयन कर उन्हें एक माह के लिए आवासीय परिसर में अलग-अलग विधाओं के योग्य एवं अनुभवी महिला प्रशिक्षकों के माध्यम से शिक्षा, योगा, काराटे, संगीत, नृत्य, क्राफ्ट, खेल-कूद, गुड टच एवं बैड टच आदि का ज्ञान प्रदान किया गया। शुरुआत में ग्रामीण बच्चियों को इस माहौल अपने आप को अर्जेस्ट करने में थोड़ी से परेशानी हुई परंतु एनटीपीसी विंध्याचल परियोजना प्रबंधन की महिला अधिकारियों सुहासिनी संघ की अध्यक्षा सहित पदाधिकारियों एवं महिला प्रशिक्षकों के मार्गदर्शन में ये बच्चियाँ इस माहौल में बहुत अच्छी तरह घुल मिल कर एक परिवार की तरह रहने लगी और अपने सपनों को सच करने के प्रयास में जुट गईं।
ग्रामीण बालिकों की मेहनत, लगन और हुनर की वजह से उनकी छुपीं हुई प्रतिभा में दिनोदिन निखार आता गया और बालिकाएँ धीरे-धीरे अपनी मंजिल की ओर बढ़ती गई। एक माह के इस प्रथम बैच की 10 उत्कृष्ट बालिकाओं का चयन कर परियोजना प्रबंधन नें इन बालिकाओ को कक्षा 6वीं में आवासीय परिसर के डीपीएस एवं डी-पॉल स्कूल में प्रवेश दिलवाया ।
शासकीय विद्यालाओं में अध्यन करने वाली इन बालिकाओं को जब सीबीएससी के उत्कृष्ट विद्यालयों में प्रवेश दिलवाया गया तो शुरुआत में इन बालिकाओं को कई जगह परेशानी का सामना करना पड़ा, परंतु परियोजना प्रबंधन, सुहासिनी संघ एवं विद्यालय के शिक्षकों के मार्गदर्शन में इन बालिकाओं नें हर परेशानी का सामना करते हुये अपने लक्ष्य पर कार्य किया। यही वजह है कि ये बालिकाएँ दिन प्रतिदिन हर क्षेत्र में सशक्त होती गई, जिससे इस वर्ष इन सभी बालिकाओं नें कक्षा 10वीं की परीक्षा प्रथम श्रेणी मे उत्तीर्ण कर अपने आत्मविश्वास को दृढ़ किया।
इस वर्ष जेम, 2018 प्रथम बैच की 10वीं उत्तीर्ण डीपीएस विंध्यनगर की छात्रा काजल विश्वकर्मा नें अपने अनुभव साझा करते हुये बताया कि जेम के माध्यम से उसे आज यह अवसर मिला है कि जिससे वह डीपीएस जैसे विद्यालय में अध्यन कर अपने सपनों को साकार करने की कोशिश कर रही है। काजल नें बताया कि जेम अभियान की बदौलत ही वह आज अंग्रेजी माध्यम के विद्यालय में शिक्षा ग्रहण कर पा रही है। इसके लिए उसने एनटीपीसी विंध्याचल प्रबंधन, सुहासिनी संघ एवं विद्यालय के प्राचार्य एवं गुरुजनों का आभार ज्ञापित किया। अपने लक्ष्य के बारें में काजल नें बताया की वों मेडिकल की पढ़ाई कर चिकित्सक बनकर जरूरतमंदो की सेवा करना चाहती है।

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