मध्य प्रदेश

प्रभार देने में की गई नियमों की अनदेखी के विरोध में भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी ने खोला मोर्चा

पांच दिवस के अन्दर विषंगतियों में सुधार न होने की स्थिति में अनिश्चित कालीन आन्दोलन की दी गई चेतावनी

वैढ़न,सिंगरौली। नगर पालिक निगम सिंगरौली में अधिकारी-कर्मचारियों के बीच कार्य विभाजन में व्यापक पैमाने पर अनियमितता एवं नियमों की अनदेखी के आरोप लम्बे समय से लगते रहे हैं। इस संबंध में कई बार पत्राचार के बाद भी किसी तरह का सुधार नहीं हो सका। यहां तक कि नगर पालिक निगम सिंगरौली के निर्वाचित 25 पार्षदों ने संयुक्त हस्ताक्षरित पत्र के माध्यम से इन विषंगतियों को दूर कर नियमानुसार कार्य विभाजन किये जाने की मांग की थी। पार्षदों की मांग पर सुनवाई नहीं हो सकी। इतना ही नहीं भाजपा के लगभग आधा दर्जन पार्षदों द्वारा भी इस संबंध में लिखा पढ़ी एवं आन्दोलन की तैयारी तक की गई। लेकिन मामला यथावत रहा। अब भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री,नगरीय प्रशासन मंत्री,जिला कलेक्टर के साथ-साथ आयुक्त नगर पालिक निगम सिंगरौली,महापौर एवं अध्यक्ष को भी पत्र लिखकर इन विषंगतियों को पांच दिवस के अन्दर दुरूस्त कराये जाने की मांग करते हुए यथोचित कार्यवाही न होने की स्थिति में आन्दोलन की चेतावनी दी है। भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी के राज्य परिषद सचिव कामरेड संजय नामदेव ने आयुक्त नगर पालिक निगम सिंगरौली को सम्बोधित अपने पत्र में नगर पालिक निगम सिंगरौली में कार्यपालन यंत्री सिविल का प्रभार इलेक्ट्रिकल इंजीनियर (डिप्लोमा धारी) को दिये जाने एवं स्टोर तथा वाहन का प्रभार एक सब इंजीनियर को दिये जाने का विरोध करते हुए उल्लेख किया है कि राज्य शासन द्वारा निर्धारित मापदण्डों के अनुसार अधिकारियों को प्रभार दिया जाये।

क्या है नियम ?
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री को सम्बोधित अपने पत्र में श्री नामदेव ने उल्लेख किया है कि राज्य शासन द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुसार प्रभार वरीयता एवं अनुभव के आधार पर दिये जाने का प्रावधान है। नगर पालिक निगम सिंगरौली में कार्यपालन यंत्री सिविल का प्रभार इलेक्ट्रिकल इंजीनियर (डिप्लोमा धारी) को दिया गया है तथा स्टोर का प्रभार सब इंजीनियर को, जबकि कार्यपालन यंत्री सिविल का प्रभार सिविल इंजीनियर (डिग्री धारी) एवं स्टोर का प्रभार उपायुक्त को दिये जाने का प्रावधान है तथा यह प्रावधान मध्यप्रदेश के समस्त नगर निगमों में प्रभावशील है। लेकिन सिंगरौली में यह नियम प्रभावी क्यों नहीं ?

नियमों का पालन हो सुनिश्चित
श्री नामदेव ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि प्रभार देने का अधिकार आयुक्त नगर पालिक निगम को होता है। लेकिन प्रभार देने में वरीयता अनुभव को आधार बनाया जाता है। लेकिन नगर पालिक निगम सिंगरौली में सभी महत्वपूर्ण शाखाओं का प्रभार दो अधिकारियों तक सीमित है जो नियम के प्रतिकूल है। उन्होंने कहा कि यदि समय रहते आयुक्त नगर पालिक निगम सिंगरौली द्वारा अधिकारी-कर्मचारियों के बीच वरीयता एवं अनुभव के आधार पर कार्य विभाजन नहीं किया गया तो संगठन आन्दोलन प्रदर्शन हेतु विवश होगा।

पांच दिन बाद हो सकता है आन्दोलन
श्री नामदेव द्वारा प्रदेश के मुखिया को सम्बोधित पत्र में स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि 5 दिवस के अन्दर यदि अधिकारी-कर्मचारियों के बीच नियमानुसार कार्य विभाजन करते हुए प्रभार के भार से दबे अधिकारियों का भार कम नहीं किया गया तो संगठन अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन हेतु बाध्य होगा। जिसकी समस्त जिम्मेदारी नगर निगम प्रशासन की होगी। ज्ञातव्य हो कि श्री नामदेव श्रमिकों के साथ-साथ अधिकारियों-कर्मचारियों के हितों की रक्षा के लिए सतत संघर्ष करने वाले जनप्रतिनिधि के रू प में प्रतिष्ठित हैं।

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