मध्य प्रदेश

MP: एक ही जिले में तीन सालों से पदस्थ पुलिस निरीक्षक हटाए जाएंगे, पीएचक्यू ने 27 मई तक मांगी डिटेल

भोपाल. मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही राज्य सरकार ने मैदानी जमावट शुरू कर दी है. पिछले तीन वर्ष से एक ही जिले में पदस्थ पुलिस निरीक्षक हटाए जाएंगे. गृह विभाग के निर्देश के बाद पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों से 31 जनवरी की स्थिति में ऐसे निरीक्षकों (इनमें उप निरीक्षक से कार्यवाहक निरीक्षक बने अधिकारी भी शामिल हैं) के संबंध में 27 मई तक जानकारी मांगी गई है.

पुलिस मुख्यालय द्वारा यह कदम आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए उठाया गया है. ऐसे कार्यवाहक निरीक्षक जो उप निरीक्षक के पद पर रहते हुए उसी जिले में कार्यवाहक निरीक्षक के पद पर पदस्थ हो गए हैं और उनकी सेवाएं भी तीन साल से अधिक हो गई तो ऐसे कार्यवाहक निरीक्षकों की सेवाकाल की गणना भी उप निरीक्षक की पदस्थापना दिनांक से की जाएगी. साथ ही जो विगत चार वर्ष की अवधि में उसी जिले में पूर्व में निम्न पद पर पदस्थ रहे हैं या अन्यत्र जिला से स्थानांतरित होकर उसी जिले में वापस आए हैं तो उनकी पूर्व तैनाती अवधि को भी गणना में शामिल किया जाएगा.

छानबीन समितियां भी गठित

डीजीपी ने निरीक्षक, एसआई एवं एएसआई को उच्च पद का कार्यवाहक प्रभार देने के लिए दो छानबीन समितियों का गठन किया है. कार्यपालिक बल के उपनिरीक्षक से निरीक्षक स्तर के व्यक्तियों को उच्च पद का प्रभार देने के लिए गठित छानबीन समिति के अध्यक्ष एडीजीपी पीटीआरआई पुलिस मुख्यालय भोपाल जी. जनार्दन बनाए गए हैं.

इसी प्रकार, सहायक उपनिरीक्षक से उप निरीक्षक स्तर के पुलिस कर्मियों को उच्च पद का प्रभार देने के लिए गठित छानबीन समिति के अध्यक्ष एडीजीपी एससीआरबी पुलिस मुख्यालय भोपाल चंचल शेखर बनाए गए हैं.

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