मध्य प्रदेश

मात्र 10 रुपए की फ्रूटी के लालच में साढ़े 8 करोड़ लूट की मास्टरमाइंड फंसी

हेमकुंड साहिब में पुलिस ने लंगर लगाकर की थी नाकाबंदी

 

लुधियाना. लुधियाना में साढ़े 8 करोड़ की लूट की मास्टरमाइंड मनदीप कौर मोना उर्फ डाकू हसीना मात्र 10 रुपए की फ्रूटी के लालच में फंस गई. पंजाब पुलिस ने उत्तराखंड के हेमकुंड साहिब के रास्ते में फ्रूटी का लंगर लगा रखा था. वहां मोना पति जसविंदर सिंह के साथ फ्रूटी लेने के लिए आई. जैसे ही उसने लंगर से फ्रूटी ली और उसे पीने के लिए मुंह से मास्क हटाया तो पुलिस ने उसे पहचान लिया. पुलिस वहां से उसे गिरफ्तार कर लुधियाना लाई. मोना उर्फ डाकू हसीना ने अपने पति-भाई और कंपनी के कर्मचारी समेत 10 लोगों के साथ मिलकर यह लूट की थी.

लुधियाना के राजगुरु नगर में एटीएम कैश मैनेजमेंट कंपनी का ऑफिस है. 10 जून की रात डेढ़ बजे यहां पर एक महिला समेत 10 लुटेरे आए. उन्होंने कंपनी के 3 गार्ड और 2 कर्मचारियों को बंधक बनाया, फिर कंपनी की वैन में ही कैश लेकर भाग निकले. उस वैन को उन्होंने मुल्लापुर में छोड़ दिया और वहां से कैश दूसरी गाड़ी में डालकर फरार हो गए.

पुलिस को ऐसे मिला लुटेरों का सुराग

पुलिस करीब 60 घंटे तक लुटेरों का सुराग ढूंढती रही, लेकिन कुछ पता नहीं चला. फिर पुलिस को लुटेरों के 2 क्लू मिले. पहला क्लू ये था कि लूट के कैश वाली वैन का कंपनी ऑफिस से निकलते वक्त फ्लिकर (लाइट) जला था. ऐसे में पुलिस को यकीन हुआ कि इस लूट में कंपनी का कोई कर्मचारी या ड्राइवर शामिल है. दूसरा लुटेरों ने जहां वैन छोड़ी थी, वहां से उनके कहीं दूर जाने के इनपुट नहीं थे, ऐसे में पुलिस ने वहीं आसपास के इलाकों में ट्रैप लगाकर रखा. जहां कैश वैन मिली थी, उसके नजदीक के एक गांव में पुलिस ने रेगुलर ट्रैप लगा दिया. वहां पुलिस को 3 लोग झाडिय़ों में छिपे मिले. पुलिस ने पूछताछ की तो पहले बहाना बनाने लगे कि भांग रगडऩे आए हैं. पुलिस ने सख्ती से पूछा तो पता चला कि तीनों लूट करने वाले गैंग के ही मेंबर हैं. इनमें कंपनी का कर्मचारी मनजिंदर सिंह उर्फ मनी भी शामिल है.

लूट की मन्नत पूरी हुई तो हेमकुंड साहिब माथा टेकने गई

पुलिस के मुताबिक लूट की मास्टरमाइंड मनदीप कौर मोना थी. उसने मन्नत मांगी थी कि अगर लूट कामयाब रही तो उत्तराखंड के धार्मिक स्थलों में माथा टेकेगी. लूट कामयाब रही तो वह पति जसविंदर के साथ उत्तराखंड में हेमकुंड साहिब के दर्शन करने के लिए चली गई. इसके बाद उसका नेपाल जाने का प्लान था. काउंटर इंटेलिजेंस की मदद से लुधियाना पुलिस को इसकी टिप मिल गई. जिसके बाद एक टीम बनाकर वहां भेजी गई. पुलिस को सिर्फ इतना पता था कि मोना ने स्काई ब्लू और पिंक रंग के मोटे तले वाले बूट पहने हैं. हजारों संगत में मोना की पहचान करना पुलिस के लिए मुश्किल था.

पुलिस ने सादे कपड़ों में लंगर लगाकर पकड़ा

लुधियाना से एक इंस्पेक्टर समेत पुलिस टीम को हेमकुंड साहिब भेजा गया. वहां परेशानी ये थी कि हजारों श्रद्धालुओं में मनदीप मोना को पहचाना कैसे जाए. इसके लिए पुलिस ने आइडिया निकाला. उसने हेमकुंड साहिब के रूट पर मैंगो जूस वाली फ्रूटी-बिस्कुट का लंगर लगा दिया. मोना पति जसविंदर के साथ वहां से गुजरी तो पुलिस वालों से फ्रूटी ले ली. उसने फ्रूटी खाने के लिए नकाब हटाया तो पहचानी गई. पुलिस ने उसकी फोटो खींच ली. उसकी पहचान पुख्ता होने के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया.

सीवरेज गटर में भी छुपा रखा था कैश

पुलिस ने इस लूट केस में शामिल लुटेरों को पकड़ा तो कई जगहों से कैश बरामद हुआ. मास्टरमाइंड मोना के साथी कंपनी कर्मचारी ने सीवरेज के गटर में 50 लाख रुपए छुपा रखे थे. पुलिस ने चेकिंग की तो 500-500 रुपए के नोटों की गड्डियां मिलींं. जिन्हें पुलिस को धोना पड़ा. इसके अलावा कार, बरसाती पानी के नाले की जाली, स्कूटी की डिग्गी, घर के बेड समेत कई जगहों से रुपए बरामद हुए. पुलिस अभी तक 8.49 करोड़ में से करीब 6.96 करोड़ कैश रिकवर कर चुकी है.
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