मध्य प्रदेश

घनी आबादी के बीच स्थापित हो रही है बारूद फैक्ट्री, ग्रामीणों में दहशत

जोबगढ़ व बाघाडीह के बीच निर्मित हो रही सोलार बारूद फैक्ट्री, जन प्रतिनिधियों सहित प्रशासनिक अधिकारियों ने साधी चुप्पी,जनहित याचिका दायर करेंगे ग्रामीण

वैढ़न,सिंगरौली।बरगवां इलाके के जोबगढ़ व बाघाडीह गांव की घनी आबादी के बीचो बीच सोलार बारूद फैक्ट्री का निर्माण हो रहा है जिसके विरोध में ग्रामीण लामबंद हो गये हैं। बताया जाता है कि यहां लोगों को गुमराह कर बारूद फैक्ट्री की स्थापना करने के लिए एक दो बड़े काश्तकारों की जमीन लेकर सोलार नाम की बारूद फैक्ट्री का कंस्ट्रक्शन का काम शुरू कर दिया गया है। जो अब दो गांव के ग्रामीणों पर भारी पड़ रहा है। गौरतलब हो कि सोलार नामक बारूद फैक्ट्री जोबगढ़ और बाघाडीह की घनी आबादी के बीचों बीच निर्मित हो रही है। जिसके लगभग 200 मीटर के चारो तरफ घनी आबादी है। शुरुआत में ग्रामीणों को पहले तो जानकारी ही नहीं लगी कि यहां बारूद भंडारण और निर्माण का कार्य होगा। कंपनी प्रबंधन ने दो बड़े काश्तकारों की इक_ी जमीन लेकर फैक्ट्री कंस्ट्रक्शन का काम शुरू कर दिया है। आरोप है कि तत्कालीन सरपंच और जिला कलेक्टर ने नियमों को ताक पर रखते हुए घनी आबादी के बीचों बीच फैक्ट्री निर्मित करने के लिए एनओसी जारी कर दिया लेकिन इस फैक्ट्री से प्रभावित ग्रामीणों को कितना बड़ा नुकसान आने वाले समय में करना पड़ सकता है। इसका ख्याल किसी ने नहीं रखा है।

बलियरी हादसे को याद कर सिहर उठते हैं ग्रामीण
आज से लगभग १४ वर्षों पूर्व वैढ़न के बलियरीमें स्थित बारूद फैक्ट्री में जिस तरह धमाका हुआ था और तीस से ज्यादा लोगों की मौत हो गयी थी उस मंजर को याद कर ग्रामीण सिहर उठते हैं। बताते चलें कि 5 जुलाई सन् 2009 की वो काली रात हर किसी के जहन में याद ही होगा। जिसे अगर न याद हो तो बता दें कि 5 जुलाई सन् 2009 , इस दिन बलियरी बारूद फैक्ट्री में एक तेज धमाके के साथ विस्फोट हुआ था। जिसमें 30 लोगों की धमाके के साथ मौके पर मौत हो गई थी और 100 से ज्यादा लोग झुलसकर गंभीर रूप से घायल हो गए थे।

जन प्रतिनिधियों व जिला प्रशासन ने साधी चुप्पी, ग्रामीण करेंगे अब जनहित याचिका दायर
ग्रामीणों ने क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों और जिला प्रशासन से बारूद फैक्ट्री को घनी आबादी वाले क्षेत्र से हटाकर किसी दुर्गम जगह पर बनाए जाने की मांग को लेकर कई बार गुहार लगा लगाकर थक चुके हैं लेकिन कोई भी सुनने के लिए तैयार नहीं है। ऐसे में अब ग्रामीणों ने सामूहिक तौर पर एक जनहित याचिका मध्य प्रदेश हाईकोर्ट जबलपुर में दायर करने की तैयारी की है।

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