स्वच्छता विभाग के प्रभारी अधिकारी कटघरे में
करोड़ो का ठेका होने के बावजूद भी गंदगी का साम्राज्य

वैढ़न,सिंगरौली। नगर निगम की प्राथमिक जिम्मेदारी शहर को स्वच्छ रखना है। केन्द्र सरकार वर्षों से स्वच्छता का अभियान चला रही है। लेकिन नगर पालिक निगम सिंगरौली में जिस अधिकारी को स्वच्छता का नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। उसके जिम्मे इसके अतिरिक्त कई विभाग हैं। यानि एक ही अधिकारी को स्वच्छता विभाग, कार्यपालन यंत्री सिवर लाइन, कार्यपालन यंत्री सिविल, कार्यपालन यंत्री जल प्रदाय, कार्यपालन यंत्री स्टोर और वाहन विभाग देखकर रखा गया है। एक ही अधिकारी के सर पे इतने विभागों की जिम्मेदारी नगर निगम की कार्यसंस्कृति पर प्रश्नचिन्ह उठाती है। कार्यसंस्कृति तथा निगम की नीति का खामियाजा जिले की जनता भुगत रही है। वातानुकूलित चैंबर में बैठकर फाइलों का अवलोकन करने से समस्याओं का समाधान संभव नहीं है। स्वच्छता का आलम यह है कि करोड़ो का कान्टे्रक्ट लेकर बैठी हुयी संस्था न तो स्वच्छता के प्रति जागरूकता का अभियान सफल कर पा रही है और ना ही शहर के कचरे का समुचित निष्पादन एवं उपयोग ही हो रहा है। सब भौसा खाता है। शहर की गलियों की नालियों से एक महीने में एक बार जब कचरा आधा तीहा उठाया है तो वह उठाकर नाली के बाहर रख दिया जाता है। आजकल बरसात का माहौल शुरू हो गया है। जमकर बारिश हुयी तो वह कचरा फिर से उन्ही नालियों को समर्पित हो जाता है। क्योंकि कचरा उठाने वाली गाड़ियां समय से वार्डों में नहीं पहुंचती हैं। सफाईकर्मी भी स्वेच्छाचारिता की हद पार कर चुके हैं। मलेरिया उन्मूलन से लेकर नालियों में कीटनाशक दवाओं के डालने तक की प्रक्रिया में भ्रष्टाचार सर चढ़कर के बोल रहा है।
गरीबों में चौतरफा मलेरिया का प्रकोप था। अब बरसात शुरू हो गयी है तो शहर में स्वच्छता के अभाव के कारण जमा कचरों से पैदा होते वायरस के कारण वायरल फीवर, सर्दी जुकाम, अन्य चर्मरोग सर उठाने वाले हैं। नगर निगम के कमिश्नर श्री पवन सिंह से स्थानीय जनता ने गुजारिश की है कि नगर निगम की व्यवस्था को दुरूस्त करते हुये विभागों की जिम्मेदारियों का विकेन्द्रीकरण करने का कष्ट करें।