अनदेखी के कारण जर्जर हो रहा जिला मुख्यालय का 4 आर पार्क
पार्क के रखरखाव व साफ सफाई के नाम पर होते हैं लाखों खर्च फिर भी कबाड़खाना बन गया पार्क

नीरज पाण्डेय
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काल चिन्तन, सिंगरौली। जिला मुख्यालय के बीचों बीच स्थित ४ आर चाचा नेहरू बाल उद्यान अपनी दुर्दशा पर सालों से आंसू बहा रहा है। कभी इसमें सुबह-शाम बच्चों व लोगों की चहल-पहल बनी रहती थी। लोग यहां आकर घंटों समय व्यतीत करते थे, लेकिन नगर निगम की अनदेखी के कारण यह उद्यान आज खंडहर में तब्दील होता जा रहा है। इसकी ओर किसी का भी ध्यान नहीं है। उद्यान को मरम्मत व विकास की जरूरत है, लेकिन नगर निगम द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है। पार्क में आने वाले लोगों को अब यहां गंदगी और बदबू से दो चार होना पड़ रहा है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि पंडित जवाहरलाल नेहरू के नाम पर बाल उद्यान बनाया गया था। शुरूआती दौर में कई साल तक यहां पर अच्छी व्यवस्थाएं रहीं। बाल उद्यान का आकर्षण बढ़ाने के लिए फव्वारे का निर्माण भी किया गया था। लेकिन फव्वारा गायब हो गया। इसके साथ ही बच्चों के लिए खेलकूद के लिए लगाए गए झूले व अन्य सामग्री भी टूट चुकी है जिससे अब यहां पर बच्चे भी नहीं आते। यदि यहां पर एक साल से लेकर पांच साल के बच्चों के लिए फिसलपट्टी, झूला सहित अन्य मनोरंजन खेल की सुविधाएं प्रदान की जाएं तो यहां पर एक बार फिर से बच्चों की चहल-पहल बढ़ जाएगा।
साफ सफाई के नाम पर लाखों का बंदरबांट
बताया गया है कि नगर निगम द्वारा लाखों रुपए की राशि बाल उद्यान की मरम्मत व विकास कार्य के लिए दी जाती है, लेकिन नपा के अधिकारी कर्मचारियों द्वारा मरम्मत व कार्यों में लीपापोती कर जेब भरने का काम किया जाता है। इसका खमियाजा लोगों को असुविधा के रूप में भुगतना पड़ रहा है। वहीं नगर पालिका में उच्च पद पर बैठे जिम्मेदार लोग बेखबर हैं। गार्डन की बदहाली को लेकर शहरवासी लगातार नगर निगम में शिकायत कर चुके हैं लेकिन कोई ध्यान देने वाला नहीं है।
अंति सांसे गिन रहा ओपेन जिम
नगर निगम द्वारा उक्त पार्क में ओपेन जिम की स्थापना की गयी थी परन्तु रखरखाव के आभाव में ओपन जिम में लगे उपकरण अब अंतिम सांसे गिन रहे हैं। आधे से ज्यादा उपकरण खराब हो गये हैं। जिन उपकरणों में थोड़े बहुत सुधार की जरूरत थी समय पर न मिलने से वह अब पूरी तरह से बेकार हो गये हैं।
शौचालय की बदबू पार्क को कर रही है दूषित
चाचा नेहरू बाल उद्यान में महिला तथा पुरूषों के लिए शौचालय बनाये गये हैं। कुछ दिनों तक तो उक्त शौचालय में ताला लगा रहा परन्तु जब ताला खुला तो उक्त शौचालय में इतनी गंदगी देखी गयी कि उसके आस-पास भी जाना लोगों के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रही है।
जगह-जगह फैली गंदगी
चाचा नेहरू बाल उद्यान में गंदगी का अंबार लगा है। रियूज, रिड्यूस, रिसायकल, रिफ्यूज के नाम पर ४ आर पार्क का निर्माण हुआ है परन्तु ४आर के नाम पर लाखों रूपये तो खर्च हुये परन्तु अब जो भी कबाड़ से निर्माण हुये थे वही अब पार्क को कबाड़खाना बना रहे हैं। पार्क में एक पूरानी एम्बेसडर कार रखी गयी है जो अब सेल्फी प्वाइंट कम सांप बिच्छुओं का डेरा हो गयी है। एक टूटी तीन चके की सायकल पार्क में जाने वालों को मुंह चिढ़ा रही है। इसी तरह जो भी कबाड़ से निर्माण किये गये अब वह फिर कबाड़ हो गये परन्तु इसे देखने वाला कोई नहीं है।
क्या कहते हैं पार्क में आने वाले
अनदेखी की वजह से पार्क हुआ बदहाल
पार्क में रोजाना आने वाले स्थानीय निवासी सुरेन्द नोतवानी ने बताया कि पार्क में पहले आने पर दिमाग तरोताजा हो जाता था। नगर निगम में पूर्व में रहे कमिश्नर पार्क में महीने में कई बार चक्कर लगाने आते थे जिससे पार्क में जो भी कमी रहती थी उसे दूर करवाते थे परन्तु अब हालात काफी बदल गये हैं। यहां लोग आने से डरते हैं।
ओपन जिम में सुधार की जरूरत
पार्क में रोज आने वाले शैलेन्द्र सिंह का कहना है कि हम लोग यहां रोज आते हैं। जब ओपन जिम की स्थापना हुयी थी तब हम लोगों को काफी खुशी हुयी थी परन्तु जिस तरह से एक एक उपकरण टूटते गये अब हालत यह है कि ओपन जिम के अधिकांश उपकरण खराब हो गये हंै परन्तु इसे देखने वाला कोई नहीं। पार्क में घांस इतनी बड़ी हो गयी है कि वहां सांप, बिच्छू छिपने लगे हैं अब पार्क टहने में भी डर लगता है।
गंदगी से पार्क में मार्निंग वॉक करने में होती है दिक्कत
पार्क में सुबह रोज टहने आने वाले विजय वर्मा ने बताया कि हम लोग यहां रोज सुबह टहलने के लिए पहुंचते हैं परन्तु वाल्किंग ट्रेक में इतनी गंदगी रहती है कि पार्क का चक्कर भी नहीं लगा पाते। उन्होने कहा कि शौचालय से इतनी बदबू आती है कि वहां पर कोई नजदीक भी नहीं जाता। पार्क कब बंद हो जायेगा, कब खुल जायेगा इसकी किसी को जानकारी नहीं रहती। यदि जिम्मेदार इसपर ध्यान दे तो हालत सुधर सकती हैं।