आरटीओ जयंत चेक पोस्ट पर भाजपा नेता की पिटाई से मामला गर्माया
विरोध में हुआ सर्वदलीय आन्दोलन

वैढ़न,सिंगरौली। जिला परिवहन विभाग की उपचेकपोस्ट जयंत वर्षों से सुर्खियों में रहा है। यूं तो जिले में जितने चेकपोस्ट हैं सभी जगहों पर अवैध वसूली तथा अपराधिक वारदातों की बात कही जाती है। ये आपराधिक वारदातें कौन करता है? इस सवाल के जवाब में इन चेकपोस्टों में तैनात आउटसोर्सिंग(बाहरी लोगों)की तैनाती हमेशा चर्चाओं में रही है। सरकारी चेक पोस्ट पर बाहरी लोगों की तैनाती किसके आदेश पर हुयी है? चाहे खनहना हो, जयंत हो, मटवई हो या गोभा हो। हर जगह सरकारी कर्मचारियों से ज्यादा बाहरी लोगों का दबदबा दिखता है। कई बार तो यह सुनने को मिलता है कि परिवहन मंत्रालय का अनौपचारिक आदेश है कि ज्यादा से ज्यादा वसूली होकर के लायी जाये। यह सिलसिला वर्षों से चल रहा है। इसी बीच एक घटना घट गयी एक भाजपा नेता के साथ जयंत के उपचेक पोस्ट के आउटसोर्सिंग वालों ने पिटाई कर दी। मामला तूल पकड़ा, इसका राजनीतिकरण हुआ, उसका जातीयकरण हुआ, और आन्दोलन की रूपरेखा बनी। नतीजा यह रहा कि १८ जुलाई के अपरान्ह तीन बजे भाजपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी के लोगों ने जयंत उपचेक पोस्ट का घेराव किया और औपचारिक भाषणबाजी की। इस दौरान संयुक्त मोर्चा द्वारा जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा गया।
१८ तारीख की अपरान्ह नेताओं का जो जमघट लगा उसमें उभरकर बहुत सी बातें आयीं। किसी ने भाजपा सरकार को कोसा, किसी ने सीधे-सीधे परिवहन विभाग की व्यवस्था को कोसा। कुल मिलाकर आन्दोलन नाटकीय अंदाज में खत्म हुआ। भाषणबाजी करते हुये कांग्रेसी नेता प्रवीण सिंह चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री, परिवहन मंत्री सहित सांसद, विधायक इस सबके जिम्मेदार हैं। उन्होने कहा कि जिले तथा प्रदेश में भ्रष्टाचार का जड़ भाजपा की सरकार में काम करने वाले जनप्रतिनिधि हैं। उन्होने कहा कि मप्र के परिवहन मंत्री हर महीने सिंगरौली से अवैध रूप से करोड़ो की वसूली कर रहे हैं इस बीच परिवह मंत्री तथा शिवराज सरकार मुर्दाबाद के नारे लगने लगे। नारों की आवाज सुनकर भाजपाई आगबबूला हो गये और प्रवीण सिंह चौहान के हाथ से माईक छीन लिया गया जिसपर कांग्रेसियों ने भी विरोध जताया और मामला खींचातानी तक आ पहुंचा।
जब चरणों में झुकी राजनीति
आन्दोलन के दौरान भारतीय राजनीति की एक अलग छवि परिलक्षित हुयी। मंच से उतरे नेताओं ने पुलिस विभाग के थाना प्रभारी निरीक्षकों का पैर छुआ और आशीर्वाद लिया। यह भारतीय राजनीति के इतिहास में अभूतपूर्व घटना कही जा सकती है। जबकि आन्दोलनरत नेता मंच पर खड़े होकर उसी प्रशासन के खिलाफ जहर बो रहे हों और मंच से उतरकर वही राजनीतिक नेता उसी प्रशासन के चरणों में झुक रहे हों। यह दृश्य भारतीय राजनीति की अवनति की पराकाष्ठा कही जा सकती है।
छावनी में तब्दील हुआ धरनास्थल
आरटीओ चेक पोस्ट जयंत पर संयुक्त मोर्चा द्वारा आन्दोलन किये जाने को लेकर प्रशासन द्वारा भारी पुलिस बल तैनात किया गया। इस दौरान जिले के विन्ध्यनगर, नवानगर थाने तथा सासन, खुटार, जयंत चौकी की पुलिस मौके पर मौजूद रही।
भाजपा कार्यकर्ता के साथ ११ जुलाई को हुयी थी मारपीट
ज्ञात हो कि कचनी निवासी बीजेपी के कार्यकर्ता एवं बूथ अध्यक्ष सुनील दुबे ने 11 जुलाई को शक्तिनगर जाते वक्त जयंत चेक पोस्ट पर हल्ला गुहार सुन धर्मेन्द्र शाह के साथ की जा रही मारपीट का बीच-बचाव करने लगे। जहां आरोप है कि चेक पोस्ट में तैनात आरक्षक विनय सिंह, कथित सेंगर एवं अभय सिंह सहित कमलेश सिंह उर्फ लड्डू व अन्य प्राइवेट गुर्गों ने लाठी-डण्डों से दौड़ा-दौड़ाकर पिटते हुए अधमरा कर दिया था। जिसमें सुनील की हालत नाजुक बतायी जा रही है। सुनील एवं धर्मेन्द्र के साथ हुई मारपीट की घटना से सिंगरौली के सर्व समाज में भारी आक्रोश है। चेक पोस्ट कर्मियों एवं प्राइवेट गुर्गों पर बड़ी कार्रवाई किये जाने की मांग को लेकर कल 18 जुलाई को उप चेक पोस्ट जयंत का घेराव करने का निर्णय लिया है। संयुक्त मोर्चा सिंगरौली के पूर्व ननि अध्यक्ष चन्द्र प्रताप विश्वकर्मा, राजेश द्विवेदी, युकां जिलाध्यक्ष सूर्या द्विवेदी, बबलू सिंह, अक्षय शाह, धीरज सिंह गहरवार सहित अन्य ने एसडीएम के नाम ज्ञापन सौंपा।