मध्य प्रदेश

मूलभूत सुविधाओं से वंचित है शहर के बीचो बीच बसी आदिवासी बस्ती

वार्ड 39 में सैकड़ो वर्षों से आबाद हैं दर्जनों आदिवासी परिवार, रोड, नाली, पानी की समस्या से जूझ रहे हैं रहवासी

वैढ़न,सिंगरौली। केन्द्र व राज्य की सरकार गरीब आदिवासियों के उत्थान के लिए कई योजनाएं चला रही हैं। गरीब को उसका हक मिले इस हेतु तमाम प्रयास किये जा रहे हैं। परन्तु सिंगरौली जिले में जब से नगर पालिक निगम बना है तब से अनेको पार्षद, महापौर, कमिश्नर आये परन्तु वार्ड क्रमांक ३९ अंतर्गत रविन्द पब्लिक स्कूल के पीछे बसी आदिवासी बस्ती आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। बस्ती में न तो सड़क है और ना ही नाली है। नल जल योजना का लाभ भी इन आविासियों को नहीं मिला है। बस्ती में सैकड़ो घर बने हैं। कुछ मुस्लिम परिवार रहते हैं दो दर्जन आदिवासी परिवार यहां आबाद हैं।
बस्ती में पिछले तीन पीढ़ी से रह रहे गोले कोल बताते हैं कि बस्ती में सड़क का आभाव है। कई बार शिकायत की गयी परन्तु सड़क नहीं बन सकी। मुहल्ले के ही कुछ लोग अडं़़गा लगा देते हैं जिससे निगम अपना हाथ खींच लेता है। यही हाल पानी का भी है। बरसात को छोड़कर शेष महीनों में हैण्डपंप सिर्फ हवा उगलता है। काफी दूर से पानी लाना यहां के रहवासियों की मजबूरी है। अमृत योजना के पाईप लाईन बिछाने की बात पर वह बताते हैं कि जब पाईप लाईन बिछाने का काम शुरू हुआ तब भी कुछ लोगों ने अडंगा लगा दिया और बस्तीवासियों को यह लाभ भी नहीं मिला। नाली कभी बनी ही नहीं जिस कारण बरसात के दिनों में हालात भयावह हो जाते हैं। बरसात का पानी पूरे मुहल्ले में कमर तक भर जाता है। कच्चे घर गिर जाते हैं और आदिवासी परिवार दूसरी जगह सड़कों पर रहने को मजबूर हो जाते हैं। उन्होने बताया कि बस्ती में रहने वाले आदिवासी परिवारों को पीएम आवास योजना का लाभ नहीं मिला है। कच्चे मकानों में रहने वाले आदिवासी परिवार जब योजना का लाभ लेने के लिए दफ्तर मे जाते हैं तो उन्हें कुछ न कुछ बहाना बताकर बैरंग वापस लौटा दिया जाता है।


बस्ती की ही इतवरिया कोल बताती हैं कि उनका परिवार सैकड़ो साल से यहां निवास कर रहा है परन्तु हालात जो सौ साल पहले थे, हालात आज भी वहीं हंै। न तो सड़क है न पानी है और ना ही नाली है। इस बस्ती तक विकास की रोशनी कभी नहीं पहुंची।

मुहल्ले में ही रहने वाले फिरोज खान, शफीक खान, राजू खान बताते हैं कि यह मुहल्ला वर्षों से उपेक्षा का शिकार है। मुहल्ले में सैकड़ो घर हंै परन्तु यहां झांकने कोई नहीं आता। चुनाव के समय वोट लेने के लिए तो कई लोग आते हैं परन्तु यहां के रहवासी किस हाल में जी रहे हैं इसे देखने वाला कोई नहीं है। फिरोज बताते हैं कि समस्याओं को लेकर सैकड़ो बार संंबंधित विभाग को अवगत कराया गया परन्तु नतीजा आज तक नहीं निकला। उन्होने बताया कि मुहल्ले के ही कुछ लोग हैं जो विकास कार्यों में बाधा पैदा करते हैं जिस कारण उक्त बस्ती आज भी पिछड़ेपन का दंश झेल रही है। समाचार के माध्यम से बस्ती के सैकड़ो निवासियों ने प्रशासन से गुजारिश की है कि समस्याओं को देखते हुये सड़क, पानी, नाली की अविलम्ब व्यवस्था करायी जाये।

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