मप्र के अतिथि शिक्षकों के लिए सीएम शिवराज ने खोला खजाना , मानदेय दोगुना, शिक्षक भर्ती में 50% आरक्षण

भोपाल।राजधानी के लाल परेड ग्राउंड में शनिवार को अतिथि शिक्षक महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है। इसमें प्रदेश भर के 10 हजार अतिथि शिक्षक शामिल हैं। प्रत्येक जिले से 50 अतिथि शिक्षकों को आमंत्रित किया गया है। इस पंचायत में स्कूल शिक्षा और जनजातीय कार्य विभाग द्वारा संचालित स्कूलों के लगभग 64 हजार अतिथि शिक्षक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से शामिल हैं। . मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दोपहर करीब डेढ़ बजे लाल परेड ग्राउंड पहुंचे और कार्यक्रम का शुभारंभ किया.
पंचायत में सीएम शिवराज ने अतिथि शिक्षकों को कई सौगातें दीं. सीएम शिवराज ने कहा कि अतिथि शिक्षकों से कहा कि अब आपको महीने के हिसाब से नहीं बल्कि पीरियड के हिसाब से वेतन दिया जाएगा. साथ ही सीएम ने अतिथि शिक्षकों का मानदेय दोगुना करने का भी ऐलान किया. अब वर्ग-01 के अतिथि शिक्षकों को 9000 रूपये के स्थान पर 18000 रूपये, वर्ग-02 के अतिथि शिक्षकों को 07 हजार रूपये के स्थान पर 14 हजार रूपये तथा वर्ग-03 के अतिथि शिक्षकों को 5000 रूपये के स्थान पर 10000 रूपये दिये जायेंगे। सीएम ने यह भी कहा कि अब अतिथि शिक्षकों का अनुबंध महीनों के लिए नहीं, बल्कि पूरे साल के लिए किया जाएगा.
सीएम ने यह भी घोषणा की कि शिक्षकों की भर्ती में अतिथि शिक्षकों को अब 25 फीसदी की जगह 50 फीसदी आरक्षण मिलेगा. यह व्यवस्था अगली शिक्षक भर्ती से लागू कर दी जाएगी। अतिथि शिक्षकों को उच्च शिक्षा विभाग के अनुसार प्रति वर्ष 04 एवं अधिकतम 20 अंक बोनस के रूप में दिये जायेंगे, ताकि उनका अधिक से अधिक चयन हो सके।
इससे पहले सीएम शिवराज ने कहा कि पिछली सरकार ने शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए कभी ठोस कदम नहीं उठाए. लचर शिक्षा व्यवस्था. गुरुजी, शिक्षक और बाद में अतिथि शिक्षक। और उनका जीवन अनिश्चितता के ऐसे भंवर में फंस गया था कि इतने सालों तक पढ़ाने के बाद क्या करें। सीएम शिवराज ने अतिथि शिक्षकों के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि जब नियमित शिक्षक नहीं थे, तब आपको अतिथि शिक्षक के रूप में पढ़ाने की जिम्मेदारी दी गई थी. आप ही हैं जिन्होंने शिक्षा की गाड़ी को आगे बढ़ाया। आपने गांवों में बच्चों को पढ़ाया. इसके लिए मैं आपको तहे दिल से धन्यवाद देता हूं। इस पंचायत में स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) एवं सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री श्री इंदर सिंह परमार सहित विभागीय अधिकारी भी उपस्थित थे।
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